Chandigarh Corruption News: नगर निगम में विकास व निर्माण कार्यों के लिए लगने वाले टेंडर में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब यहां लगने वाले सभी टेंडर का फाइनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी (एफएंडसीसी) से अप्रूवल लेना होगा। अभी तक यहां पर सिर्फ एक करोड़ रुपये या इससे अधिक राशि के टेंडर ही इस कमेटी के पास आते थे। इससे नीचे की राशि के टेंडर संबंधित अधिकारी अपनी मर्जी से लगाते थे। जिसकी वजह से टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही थी।
इस पर रोक लगाने के लिए कमेटी ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि अब इस कमेटी से अप्रूवल लिए बिना कोई टेंडर न लगाया जाए। कमेटी के इस फैसले से जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, वहीं निर्माण कार्यों में भी पारदर्शिता आएगी। अब एफएंडसीसी से पास होने वाले टेंडर के रेट्स एवं मटीरियल के बारे में पूरी जवाबदेही इस कमेटी के सदस्यों की रहेगी।
बता दें कि इस समय शहर के अंदर 70 से अधिक ऐसे विकास कार्य चल रहे हैं, जिनकी टेंडर राशि एक करोड़ रुपये से कम है। कई टेंडरों का काम खत्म होने के बाद ठेकेदारों को पेमेंट भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक एफएंडसीसी के पास उस कार्य की फाइल तक नहीं पहुंची है। इस लापरवाही को लेकर बीते दिनों महापौर की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि अब शहर में किसी भी विकास कार्य के लिए टेंडर तैयार करने के बाद अप्रूवल के लिए उसे एफएंडसीसी के समक्ष लाया जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद ही उसे अपलोड किया जाए।
नगर निगम ने शहर को रोशन करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। शहर में खराब पड़ी सभी स्ट्रीट लाइटों को बदला जाएगा। इसके लिए निगम हारट्रोन से 4 हजार एलईडी खरीदेगा। इसके लिए लगभग 32 लाख रुपये का बजट पास किया गया। इन लाइटों को बदलने का कार्य दो माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।