Chandigarh Health News: सूबे के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। निशुल्क दवा योजना के तहत दवाईयों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों में अब योजना के तहत मरीजों को दी जाने वाली मुफ्त दवाईयों की कमी नहीं रहेगी। इससे मरीजों को भी आसानी होगी। उन्हें बीमारियों के लिए बाहर से दवा खरीदने के लिए अपनी जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी। योजना में किए गए नवाचार को लेकर एचएमएससीएल के प्रबंधक निदेशक प्रभजोतसिंह ने बताया कि इसके लिए पोर्टल पर एक ऑटो तंत्र विकसित किया जा रहा है।
जिसमें सरकारी हेल्थ सेंटर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों सहित बड़े अस्पतालों की केटेगरी के हिसाब से दवाओं की संख्या कम होते ही हाई ऑथोरिटी को तुरंत सूचना मिल जाएगी। जिससे समय पर अस्पतालों में दवाईयों की आपूर्ति की जा सकेगी। उन्होंंने बताया कि सरकारी स्तर पर योजना के तहत 135 से लेकर 951 तरह की मेडिसिन निशुल्क देने का नियम तय किया हुआ है। योजना अपग्रेड होने के बाद जिला स्वास्थ्य अधिकारी एक वर्ष में 3 बार मेडिसिन आपूर्ति की मांग भेज सकेंगे।
प्रदेश में निशुल्क दवा योजना का व्यापक असर हुआ, जिसमें मरीजों को सरकारी स्तर पर मिल रही मुफ्त दवाईयों का फायदा मिलने लगा। इससे प्रदेश के लोगों का स्वास्थ और बेहतर हो सके इसके लिए सरकार ने अब योजना का बजट 120 करोड़ कर दिया है। पहले ये बजट 85 करोड़ था, जिसमें 35 करोड़ की राशि का इजाफा किया गया है।
एचएमएससीएल के एमडी ने बताया कि नई तकनीक विकसित होने के बाद वेयरहाउस में तुरंत दवाइयां खरीदी जाएंगी। अस्पताल के स्तर के अनुसार दवाइयों के प्रकार तय किए जाएंगे। इसके बाद योजना से जुड़े अधिकारी अलर्ट मॉड पर रहेंगे। जिससे दवा का स्टॉक कम होने पर संकेत मिलते ही तुरंत आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि सिस्टम की खामी के चलते वर्तमान में मरीजों को सरकारी चिकित्सकों की ओर से लिखी गई दवाइयां अधिकतर बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।