Chandigarh School Buses: स्कूली बच्चों और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने एक नया कदम उठाया है, जहां अब शहर के सभी स्कूली वाहनों सहित शहर में चलने वाली टैक्सियों में पैनिक बटन लगाया जाएगा। इस पैनिक बटन के सहारे किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। जिससे कि यात्रियों और बच्चों की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा सके। किसी भी आपातकालीन स्थिति में बच्चे या यात्री पैनिक बटन दबाकर सुरक्षा की मांग कर सकते हैं। पैनिक बटन दबाते ही उन्हें तत्काल सुरक्षा मुहैया कराया जाएगा।
सुरक्षा की दृष्टि से यह नई पहल की जा रही है। इसके अलावा स्कूली वाहनों और टैक्सियों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (बीटीएस) लगाए जाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इससे किसी भी क्षेत्र में चल रही गाड़ियों की लाइव लोकेशन मिल सकेगी जिससे तत्काल उस क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी इंतजाम पूरे किए जा सकेगे। इस प्रक्रिया से न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा होगी बल्कि जालसाजी करने वाले अपराधियों पर भी नकेल कसी जा सकेगी। इससे कहीं ना कहीं वाहन चालक और वाहन मालिक दोनों सुरक्षित रहेंगे। साथ ही साथ यात्री और बच्चे भी सुरक्षित रहेंगे।
किसी भी आपातकालीन स्थिति में पैनिक बटन दबाने से उस गाड़ी की लाइव लोकेशन पुलिस के कंट्रोल रूम में मिल जाएगी। जहां तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम सुरक्षा के कड़े इंतजाम करेगा। इससे यात्रा के दौरान किसी भी अनहोनी घटना के होने की संभावना कम हो जाती है। पैनिक बटन को कंट्रोल रूम से जोड़ने से पुलिस कंट्रोल रूम में और गाड़ी की निगरानी होती रहेगी।
पिंक बसों में पहले से लगा है पैनिक बटन
महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिंक बस चलाए जाने की पहल की थी जिसमें सिर्फ महिलाएं ही यात्रा कर सकेंगी। इसमें ड्राइवर छोड़कर कोई भी पुरुष यात्रा नहीं कर सकता है। कंडक्टर भी महिलाएं होती हैं। किसी भी अनहोनी घटना के होने पर हर सीट पर एक पैनिक बटन लगाया गया है जिसको दबाते ही कंट्रोल रूम में इसकी सूचना पहुंच जाती है।
पैनिक बटन दबी तो नहीं आगे जा सकेंगी गाड़ियां
पैनिक बटन दबाते ही पुलिस कंट्रोल रूम से बस कंडक्टर के पास फोन आ जाता है, जहां संबंधित सीट नंबर के यात्री से पुलिस बात करती है। जब तक यात्री से बात नहीं हो जाती तब तक बस को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। यात्री से बात करने के बाद संतुष्ट होने पर ही पुलिस कंट्रोल रूम बस को आगे बढ़ाने की इजाजत देता है। किसी भी संदिग्ध अवस्था में मौके पर पुलिस पहुंचकर जांच पड़ताल करती है।