Punjab University: पंजाब यूनिवर्सिटी अपने सभी लैंग्वेज डिपार्टमेंट और सेंटर्स को मर्ज करके एक स्कूल बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कमेटी बन चुकी है, जिसकी मीटिंगें जारी हैं। यह कमेटी एक भाषा स्कूल बनाने की संभावनाओं पर विचार विर्मश कर रही है। सभी की सहमति के बाद एक रिपोर्ट पीयू प्रशासन को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर स्कूल बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
नैक की पियर टीम की सिफारिश
सभी भाषा विभागों को मर्ज करके एक स्कूल बनाने की सिफारिश नैशनल असेस्टमेंट एंड एक्रीडिएशन काउंसिल (नैक) की पियर टीम ने साल 2015 में की थी। टीम का कहना था कि, विभागों को मिलाकर काम करने से टीचिंग लर्निंग का प्रोसेस प्रभावशाली बनेगा।। इसी दिशा में पीयू प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। क्योंकि अगर सभी छोटे डिपार्टमेंट मिलकर एक बड़ा विभाग बन जाते हैं तो, इसका फायदा विद्यार्थियों और फैकल्टी दोनों को मिलेगा।
उर्दू को फॉरेन लैंग्वेज में रखने पर विवाद
मर्जर के लिए बनी कमेटी की एक मीटिंग में डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन प्रोफेसर रेनू विग की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें सब कमेटी ने एक रिपोर्ट रखी है। हालांकि रिपोर्ट का नाम फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन इस पर अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में विचार विमर्श हो सकता है। बता दें कि, दो बार पहले भी मर्जर को लेकर प्रपोजल बने, लेकिन दोनों बार उर्दू को फॉरेन लैंग्वेज में रखने पर विवाद बन गया और योजना बीच में ही रह गई।
आर्ट ब्लॉक में खाली पड़े हैं कई कमरें
कमेटी का कहना है कि, यूनिवर्सिटी के आर्ट ब्लॉक में कई कमरें खाली पड़े हैं, जिनका इस्तेमाल इस भाषा स्कूल के लिए किया जा सकता है। वहीं नैक की सिफारिश है कि, जिस भाषा विभाग में 5 से कम टीचर हैं, उसका मर्जर किया जाए। इसमें साइंस और सोशल साइंस के छोटे-छोटे डिपार्टमेंट भी शामिल हैं। इनके लिए सब कमेटियां बना दी गई थीं, लेकिन सिर्फ लैंग्वेज स्कूल वाली कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी है, जिस पर विचार किया जाएगा। डीन ऑफ यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन की प्रो. रेणु विग ने कहा कि, नैक की सिफारिश पर एक भाषा स्कूल बनाने पर काम चल रहा है। कमेटी ने रिपोर्ट दे दी है। स्कूल के लिए प्रस्तावित बिल्डिंग का दौरा करके वहां पर चल रहे विभिन्न विभागों का अध्ययन किया है। एक भाषा स्कूल बनने से फायदा तो होगा, मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।