कोलकाता: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा बल्लेबाज 16 साल की रिचा घोष ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए बंगाल मुख्यमंत्री राहत कोष में एक लाख रुपये दान में दिए। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब) ने कहा कि हाल ही में महिला टी20 विश्व कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली रिचा के पिता मानबेंद्र घोष शनिवार को चेक देने के लिए सिलिगुड़ी जिला मजिस्ट्रेट सुमंत सहाय के निवास पर गए।
कोरोनावायरस की महामारी के चलते देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अनुदान राशि इकट्ठा करके जरुरतमंदों को भोजन व रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं। आईसीसी महिला टी20 विश्व कप में फाइनल सहित दो मैच खेलने वाली रिचा ने कहा, 'जब हर कोई कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जुटा है और मुख्यमंत्री ने भी इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की तो मैंने भी देश की जिम्मेदार नागरिक होने के नाते योगदान करने का सोचा।'
रिचा की उम्र बेहद कम है और उन्होंने जो राशि दान की, उससे उनके जिम्मेदार नागरिक होने का पता चलता है। बता दें कि रिचा महिला टी20 विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थीं, जिसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों 85 रन की शिकस्त का सामना करना पड़ा था। कैब की मान्यता प्राप्त इकाईयों और अधिकारियों ने भी राज्य संस्था की ओर से अपने योगदान की घोषणा की।
व्यक्तिगत तौर पर कर रहे हैं दान
भारत के पूर्व एवं वर्तमान क्रिकेटर भी लगातार प्रधानमंत्री राहत कोष में कोरोना के खिलाफ जंग के लिए दान कर रहे हैं और इसके साथ ही देशवासियों से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर 50 लाख और सुरेश रैना 52 लाख रुपये के दान का ऐलान कर चुके हैं। वहीं सौरव गांगुली ने व्यक्तिगत तौर पर बंगाल में लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद के लिए 50 लाख रुपये की कीमत के चावल गरीबों को दान करने की घोषणा पहले ही कर दी थी। वहीं धोनी ने पुणे की एक एनजीओ को 1 लाख रुपये दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए दान दिए हैं। गौतम गंभीर ने एक करोड़ रुपए दान किए हैं।
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