लंदन: टीम इंडिया ने सोमवार को द ओवल में खेले गए चौथे टेस्ट में इंग्लैंड को 157 रन से हराकर पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाई। भारत ने इंग्लैंड को जीतने के लिए 368 रन का लक्ष्य दिया था, जिसका पीछा करते हुए मेजबान टीम 92.2 ओवर में 210 रन पर ऑलआउट हुई। अब दोनों टीमों के बीच पांचवां व अंतिम टेस्ट मैच 10 सितंबर से मैनचेस्टर में खेला जाएगा।
इस टेस्ट से पहले ही टीमों का भविष्य पता लग गया है। जो टीम टॉस हारेगी, जीत उसी की तय मानी जा रही है। यह पढ़कर चौंक गए ना? चौंकना ही चाहिए। आखिर द ओवल टेस्ट के बाद एक ऐसा हैरान करने वाला आंकड़ा सामने आया है, जो दुर्लभ ही देखने को मिलता है। आमतौर पर कहा जाता है कि टॉस जीतने वाली टीम फायदे में रहती है और उसके मैच जीतने के ज्यादा अवसर होते हैं। हालांकि, भारत और इंग्लैंड के बीच मौजूदा सीरीज में ऐसी चीज देखने को मिली है, जिससे टीम चाहेगी कि वो टॉस हारे।
दरअसल, मौजूदा सीरीज में यह तीसरा मौका था जब टॉस हारने वाली टीम मुकाबला जीती है। इंग्लैंड में किसी टेस्ट सीरीज में टॉस हारकर सबसे ज्यादा मैच जीतने वाला यह संयुक्त रूप से शीर्ष मौका है। इंग्लैंड ने लॉर्ड्स और द ओवल में टॉस जीतने के बाद मैच गंवाया, जबकि लीड्स में भारतीय टीम ने टॉस जीता था। इससे पहले 1999 में इंग्लैंड में मेजबान टीम दो मैच में टॉस जीतने के बाद टेस्ट हारी थी। तब इंग्लैंड की टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज खेल रही थी।
पता हो कि नॉटिंघम में भी इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने टॉस जीता था और उस पर हार का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन बारिश के कारण मैच धुल गया था और कोई नतीजा नहीं निकल सका था। इसके बाद लॉर्ड्स में जो रूट ने टॉस जीता और भारत ने मुकाबला 151 रन से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई। फिर हेडिंग्ले में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीता, तो मेजबान टीम ने एक पारी और 76 रन से जीत दर्ज करके सीरीज 1-1 से बराबर की।
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