नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर व अब कमेंटेटर के रूप में चर्चित आकाश चोपड़ा ने विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में विभिन्न संस्थानों के छात्रों के पक्ष में एक बड़ा बयान दिया है। उनके मुताबिक पुलिस के साथ भिड़ंत की तस्वीरें बेहद तकलीफदेह हैं और विरोध की आवाज कुचलने से आंदोलनकारी भारत के खिलाफ हो जाएंगे।
भारत की ओर से 10 टेस्ट खेलने वाले इस 42 वर्षीय पूर्व बल्लेबाज ने ट्विटर पर चिंता जताई है। आकाश चोपड़ा ने ट्वीट किया, ‘देश भर के शैक्षिक संस्थानों से आ रही तस्वीरें बेहद तकलीफदेह हैं। आंखों में आंसू हैं। वे हमारे में से एक हैं। ये बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। बलपूर्वक उनकी आवाज कुचलकर हम भारत को महान नहीं बना पाएंगे। आप सिर्फ उन्हें भारत के खिलाफ कर दोगे।’
गौरतलब है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने भी सीएए को लेकर हो रहे विरोध पर एक ट्वीट किया है। इरफान पठान ने लिखा कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी रहेंगे लेकिन मैं और हमारा देश अपने छात्रों को लेकर चिंतित हैं।
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया पर पुलिस की कार्रवाई और संशोधित नागरिकता कानून को लेकर नाराजगी सोमवार को देश के कई शैक्षिक संस्थानों में दिखी और केरल से पश्चिम बंगाल तथा तेलंगाना से उत्तर प्रदेश तक विरोध प्रदर्शन हुए। जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में आंसू गैस के इस्तेमाल और विश्वविद्यालय के अधिकारियों की स्वीकृति के बिना पुलिस के परिसर में घुसने की जांच को लेकर हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए।
पूर्वोत्तर के कई राज्यों और पश्चिम बंगाल में इस कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
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