जोहानसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स ने अपने ऊपर लगे आरोप को खारिज किया है। एबी डिविलियर्स पर आरोप है कि कगिसो रबाडा के करियर की शुरूआत में वो उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर करना चाहते थे। डिविलियर्स उस समय टीम के कप्तान थे जब तेज गेंदबाज आगे आए थे।
उन्होंने कहा था कि उनकी सलाह टीम के हित में दी थी। पूर्व प्रोटियाज चयनकर्ता हुसैन मनैक ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) सामाजिक न्याय और राष्ट्र-निर्माण (एसजेएन) की सुनवाई में गवाही देने के बाद डिविलियर्स का बयान आया है।
मनैक ने एबी डिविलियर्स पर नस्लभेद के आधार पर फैसले लेने का आरोप लगाया है। इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए डिविलियर्स ने रबाडा की तारीफ की और उन्हें विश्व क्रिकेट के सबसे शानदार तेज गेंदबाजों में से एक करार दिया।
एबी डिविलियर्स के हवाले से ईएसपीएनक्रिकइंफो ने कहा, 'मैंने कगिसो रबाडा को कभी और किसी भी टीम से बाहर करना नहीं चाहा। यह आईडिया ही मूर्खतापूर्ण है। वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक है।' मनैक ने डिविलियर्स के बारे में कहा था कि खाया जोंडो के मामले में उनकी पूरी भूमिका थी। मनैक ने कहा कि जोंडो को 2015 में भारत दौरे पर एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। हालांकि, 2015-16 वांडरर्स पर रबाडा का विवाद पहले सार्वजनिक नहीं हुआ था।
मनैक ने कहा, 'मैं एक दिन पहले अभ्यास सत्र में मौजूद था और फैसला करना था कि काइल एबॉट या हार्डस विलिजोएन में से किसे चुना जाए। प्रैक्टिस के दौरान बातचीत हुई और टीम प्रबंधन ने कहा कि हमें रबाडा को बाहर करना चाहिए। मैंने पूछा किस आधार पर। रबाडा 20 साल के थे और उन्होंने खुद को महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित नहीं किया था। उनकी अच्छी छवि थी। क्रिकेट में यह कारण बताया गया कि शायद गेंद उनके हाथ से सही तरह से नहीं निकल रही है।'
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