साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में तीसरे टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ के मामले में ऑस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ियों- स्टीव स्मिथ, कैमरन बेनक्रॉफ्ट और डेविड वॉर्नर को प्रतिबंध झेलना पड़ा था। वॉर्नर-स्मिथ पर एक साल जबकि बेनक्रॉफ्ट पर नौ महीने का बैन लगा था। स्मिथ को कप्तानी भी गंवानी पड़ी थी और उन्हें दो साल के लिए नेतृत्व की भूमिका निभाने से रोक दिया गया था। वहीं, वॉर्नर पर कप्तानी के लिए आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।
हालांकि, पिछले कुछ समय से वॉर्नर पर से इस बैन को हटाए जाने की मांग हो रही है। जून के आखिर में ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के कप्तान पैट कमिंस ने कहा था कि किसी को जीवन भर के लिए प्रतिबंधित करने से मैं असहमत हूं। उन्होंने कहा, "लोगों को सीखने और सुधार करने की अनुमति है। हां, मूल रूप से मैं उस अवधारणा से असहमत हूं। वह (वॉर्नर) हमारे टीम के एक शानदार कप्तान रहे हैं। इसलिए अगर वह कभी लीडर के रूप में आते हैं, तो वह बहुत अच्छा होगा।"
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कमिंस के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ग्रेग चैपल ने वॉर्नर पर से नेतृत्व बैन हटाए जाने की मांग की है। चैपल ने ‘फॉक्स स्पोटर्स न्यूज’ से कहा, ''जो कुछ हुआ, उसमें उसकी मुख्य भूमिका थी लेकिन सिर्फ उसी की भूमिका नहीं थी। पता नहीं उसके साथ अलग व्यवहार क्यों किया गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह अपनी सजा भुगत चुका है। अगर उसे मौका दिया जाए तो वह अच्छा कप्तान बन सकता है। उस पर लगा प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए।’’ पूर्व कप्तान इयान चैपल ने भी कहा कि जब स्मिथ को दोबारा कप्तानी दी जा सकती है तो वॉर्नर पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है ।
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