युवराज की राह पर 'राज', अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल के हीरो पर हुई करोड़ों की बारिश 

Raj Bawa IPL Auction 2022: अंडर-19 विश्व कप 2022 के खिताबी मुकाबले में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत टीम को जीत दिलाने वाले राज बावा को पंजाब अपने खेमे में शामिल किया है। वो अपनी घरेलू टीम के लिए खेलते नजर आएंगे।

Raj-Angad-Bawa
राज अंगद बावा 
मुख्य बातें
  • राज बावा ने अंडर-19 विश्व कप में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से बनाई थी पहचान
  • फाइनल में झटके थे 31 रन देकर 5 विकेट, चुने गए थे मैन ऑफ द मैच
  • देश के लिए हॉकी का स्वर्ण पदक जीत चुके हैं राज के दादा, पिता रहे हैं युवराज सिंह के कोच

बेंगलुरु: अंडर-19 विश्व कप 2022 के फाइनल में टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले राज अंगद बावा को आईपीएल नीलामी में पंजाब किंग्स ने अपने दल में शामिल किया है। युवराज सिंह के बचपन के कोच के बेटे राज बावा बाएं हाथ के बल्लेबाजी करने के अलावा दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज है। वो 20 लाख रुपये के बेस प्राइज के साथ आईपीएल 2022 की नीलामी में उतरे थे। वो अपने बेस प्राइज से 10 गुनी कीमत हासिल करने में सफल रहे। पंजाब, मुंबई और हैदराबाद के बीच राज बावा को अपनी टीम में शामिल करने की होड़ हुई। लेकिन अंत में पंजाब ने बाजी जीत ली। 

फाइनल में झटके 31 रन देकर 5 विकेट
अंडर-19 विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के बल पर भारत को पांचवीं बार चैंपियन बनाने वाले राज बावा को मैन ऑफ द मैच चुना गया था। फाइनल मुकाबले में उन्होंने 31 रन देकर 5 विकेट झटके थे और बल्लेबाजी करते हुए मुश्किल वक्त में 54 गेंद में 35 रन की पारी खेली थी। उनके इस प्रदर्शन के बल पर यह बात तो सुनिश्चित हो चुकी थी आईपीएल नीलामी में उनके ऊपर करोड़ों की बारिश होगी। 

धमाकेदार रहा अंडर-19 विश्व कप में प्रदर्शन
अंडर-19 विश्व कप 2022 में राज बावा ने भारत के लिए टूर्नामेंट में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। उन्होंने युगांडा के खिलाफ नाबाज 162* रन बनाए थे। बावा ने टूर्नामेंट में खेले कुल 6 मैच की 5 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए 63 की औसत और 100.80 के स्ट्राइक रेट से 252 रन बनाए। वो भारत के दूसरे सफल बल्लेबाज रहे। वहीं गेंदबाजी में उन्होंने इतने ही मैचों में 16.66 के औसत और 4.50 की इकोनॉमी के साथ कुल 9 विकेट झटके। 

रगों में बहता है खेल
राज के बाबा त्रिलोचन सिंह बावा साल 1948 में आजाद भारत के लिए हॉकी में पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम के सदस्य रहे थे। उनके पिता युवराज सिंह के बचपन के कोच रहे हैं। युवराज सिंह के प्रभाव की वजह से राज बावा बांए हाथ से बल्लेबाजी करते हैं। 

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