नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने कहा कि उन्हें कभी समझ नहीं आया कि उनकी तुलना ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न के साथ क्यों की जाती थी। कुंबले ने यह बातें जिम्बाब्वे के पूर्व तेज गेंदबाज पोमी एमबांग्वा के साथ इंस्टाग्राम लाइव सेशन के दौरान कही। बता दें कि अनिल कुंबले टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में तीसरे स्थान पर काबिज हैं।
कुंबले ने एमबांग्वा के साथ बातचीत में कहा, 'इतने विकेट लेकर करियर पर विराम लगाना अच्छा लगा। मुझे कभी आंकड़ों या औसत ने परेशान नहीं किया। मैं पूरे दिन गेंदबाजी करना चाहता था और विकेट लेना चाहता था। मुरली और वॉर्न के साथ तीसरे सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में करियर पर विराम लगाना विशेष है। हम तीनों एक ही युग में खेले। कई बार हमारी तुलना की गई।'
कुंबले ने आगे कहा, 'मुझे कभी समझ नहीं आया कि लोग मेरी तुलना वॉर्न के साथ क्यों करते थे। वॉर्न बहुत अलग गेंदबाज थे और वह अलग स्तर के थे। मुरली और वॉर्न दोनों ऐसे स्पिनर थे जो किसी भी पिच पर गेंद को स्पिन कराना जानते थे। मेरे लिए बहुत मुश्किल था कि इन लोगों के साथ मेरी तुलना की जाती थी। मैं इन दोनों को देखकर काफी कुछ सीखा है।'
भारतीय लेग स्पिनर ने 2008 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने खेल के सबसे प्रारूप में 619 विकेट अपने नाम किए। कुंबले टेस्ट क्रिकेट में तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उनसे आगे श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800) और ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न (708) हैं। कुंबले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद दूसरे गेंदबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट मैच की एक पारी में सभी 10 विकेट चटकाए।
कुंबले ने यह उपलब्धि पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में हासिल की थी। लेग स्पिनर ने पाकिस्तान की दूसरी पारी में 26.3 ओवर में 74 रन देकर 10 विकेट हासिल किए थे। कुंबले अब आगामी आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की कोचिंग करते हुए नजर आएंगे।
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