श्रीलंका के 1996 विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा के छोटे भाई प्रसन्ना कानून के शिकंजे में फंस गए हैं। उन्हें सोमवार को कोलंबो हाईकोर्ट ने दो साल कड़ी कैद की सजा सुनाई है। 55 वर्षीय प्रसन्ना को यह सजा एक व्यवसायी को धमकी देकर धन की उगाही करने के मामले में मिली है। हालांकि, प्रसन्ना की पत्नी को तमाम आरोपों से बरी कर दिया गया है।
साल 2015 में दर्ज हुआ था मामला
शहरी विकास मंत्री प्रसन्ना के खिलाफ उगाही का मामला साल 2015 में दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट ने ना सिर्फ प्रसन्ना को दोषी मानते हुए दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई बल्कि पांच साल के लिए निलंबित भी कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने प्रसन्ना को ढाई करोड़ रुपये जुर्माना भरने और दस लाख रुपये व्यवसायी को हर्जाने के रूप में देने का आदेश दिया है।
अगर नहीं दिए पैसे तो बढ़ेगी सजा
मंत्री प्रसन्ना अगर जुर्माने और हर्जाने की रकम चुकाने में नाकाम रहते हैं तो उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। यदि वह ढाई करोड़ रुपये जुर्माना देने में विफल रहे तो उनकी सजा में 9 महीने का और इजाफा हो जाएगा। वहीं, प्रसन्ना व्यवसायी को दस लाख रुपये नहीं देंगो तो सजा में 3 महीने और जोड़ दिए जाएंगे। बता दें कि प्रसन्ना पर जी. मेंडिस नाम के व्यवसायी को धमकाने और 6 करोड़ 40 लाख रुपये मांगने का आरोप था।
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