नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने खेलने वाले दिनों में लाइन व लेंथ के सहारे इस लंबे कद के गेंदबाज ने विश्व के दिग्गज बल्लेबाजों को डराया। यही वजह है कि मैक्ग्रा को दुनिया के महानतम तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है। 9 फरवरी 1970 को न्यू साउथ वेल्स में जन्में मैक्ग्रा उस ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा रहे, जिसका 1990 और 2000 में विश्व क्रिकेट पर दबदबा था। मैक्ग्रा ने 1993 में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू किया था। क्रिकेट के मैदान पर कई यादगार प्रदर्शन की छाप छोड़ने वाले ग्लेन मैक्ग्रा के बारे में कुछ और भी दिलचस्प बातें जानने के लिए हैं।
इंटरनेशनल क्रिकेट (टेस्ट+वन-डे+टी-20) में 949 विकेट चटकाने वाले ग्लेन मैक्ग्रा आज भी दुनिया के सबसे सफल तेज गेंदबाज है। कोई भी मौजूदा क्रिकेटर दूर-दूर तक इस रिकॉर्ड के आस-पास भी नहीं है। श्रीलंकाई मुरलीधरन (1347), हमवतन शेन वॉर्न (1001) और भारतीय अनिल कुंबले (956) के बाद मैक्ग्रा क्रिकेट इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले चौथे गेंदबाज हैं। विश्व कप में सर्वाधिक 71 विकेट चटकाने के उनके रिकॉर्ड को तो आजतक कोई नहीं तोड़ पाया। वे 1999, 2003 और 2007 विश्वकप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल थे।
ग्लेन मैक्ग्रा की महान तेज गेंदबाज बनने की बात इससे बेहतर साबित होती है कि सबसे ज्यादा बल्लेबाजों को शून्य पर आउट करने का रिकॉर्ड उनके नाम पर ही दर्ज है। जी हां, मैक्ग्रा ने अपने करियर में सबसे ज्यादा 104 बल्लेबाजों को बिना खाता खोले पवेलियन की राह दिखाई है। इसके बाद दूसरे स्थान पर श्रीलंका के पूर्व महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन काबिज हैं, जिन्होंने 102 बल्लेबाजों को शून्य पर आउट किया।
मैक्ग्रा की गेंदबाजी का खौफ ऐसा कि सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, सनथ जयसूर्या, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज बल्लेबाज भी उनके सामने पानी भरते नजर आते थे। सचिन तेंदुलकर के साथ ग्लेन मैक्ग्रा के कई यादगार मुकाबले क्रिकेट फैंस कभी भूल नहीं पाएंगे। 1993 से 2007 के बीच अपने क्रिकेट करियर में मैक्ग्रा ने कई यादगार प्रदर्शन किए।
उन्होंने साल 1997 में लंदन में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में 38 रन खर्च कर 8 विकेट। 2003 विश्व कप के दौरान नमीबिया के खिलाफ 15 रन खर्च कर 7 विकेट। साल 2004 में पर्थ टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ 24 रन देते हुए 8 विकेट कुछ ऐसे प्रदर्शन हैं, जिनके लिए ग्लेन मैक्ग्रा को सदियों तक याद रखा जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा का विश्व कप में एक बेहद खास रिकॉर्ड है, जिसके बारे में बात करते हुए कई दिग्गज पंडित कह चुके हैं कि यह टूटना नामुमकिन सा है। मैक्ग्रा ने चार विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया और 39 मैचों में 71 विकेट चटकाए। यह रिकॉर्ड टूटना नामुमकिन लगता है। इसके अलावा विश्व कप की एक पारी में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी ग्लेन मैक्ग्रा के नाम ही दर्ज है। 2003 विश्व कप में मैक्ग्रा ने नामीबिया के खिलाफ 15 रन देकर सात विकेट झटके थे।
वैसे तो हर क्रिकेट प्रेमी जानता है कि ग्लेन मैक्ग्रा का निकनेम 'पीजन' है। मगर कम ही लोग जानते हैं कि आखिर टीममेट उन्हें इस नाम से क्यों बुलाते थे। दरअसल, कबूतर को अंग्रेजी में पीजन कहा जाता है। मैक्ग्रा क्रिकेट की दुनिया में आए तब वो काफी पतले थे, उनकी टांगें दिखने में काफी कमजोर नजर आती थी, उसी समय ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ब्राड मैकनमारा ने मजाक में मैक्ग्रा से कहा कि तू कबूतर की टांगे चुरा कर आया है। बस फिर क्या था तब से मैक्ग्रा का निकनेम ही पीजन पड़ गया।
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