मैनचेस्टर: बेन स्टोक्स इंग्लैंड के लिए पिछले कुछ सालों में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक रहे हैं। दबाव की स्थिति से टीम को उबारने की क्षमता हो या फिर गेंदबाजी से विरोधियों को परेशान करना या फिर आकर्षक कैच लपकना, स्टोक्स ने सबकुछ करके दिखाया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज स्टार ऑलराउंडर के लिए कुछ अलग नहीं है। मैनचेस्टर में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में स्टोक्स ने शतक जमाकर एक बार फिर अपनी उपयोगिता को बखूबी दर्शाया।
बाएं हाथ के बल्लेबाज ने टेस्ट के दूसरे दिन अपने करियर का 10वां शतक पूरा किया। यह इंग्लैंड में उनका पहला टेस्ट शतक था। ऑलराउंडर ने 356 गेंदों में 17 चौके और दो छक्के की मदद से 176 रन बनाए थे। इसकी मदद से इंग्लैंड ने पहली पारी में 469/9 का विशाल स्कोर खड़ा किया। स्टोक्स को डॉमिनिक सिबली का अच्छा साथ मिला, जिन्होंने 370 गेंदों में 120 रन बनाए।
स्टोक्स ने सिबली के साथ चौथे विकेट के लिए 260 रन की साझेदारी की और इंग्लैंड को फ्रंटफुट पर ला खड़ा किया। सिबली जिस तरह क्रीज पर डटे हुए थे, उससे उन्होंने अपने विकेट की कीमत चुकाने की चुनौती पेश कर रखी थी, वहीं स्टोक्स ने शतक पूरा करने के बाद अपने गियर बदले और कैरेबियाई गेंदबाजों पर हावी होकर खेलने लगे। जो रूट की गैरमौजूदगी में पहले टेस्ट में कप्तानी करने वाले स्टोक्स ने शतक पूरा करने के बाद उंगली मोड़कर जश्न मनाने का एक इशारा ड्रेसिंग रूम की तरफ किया था। इसके पीछे की कहानी बेहद इमोशनल और प्रेरणादायी है।
सैकड़े पर पहुंचने के बाद स्टोक्स ने अपना हेलमेट उतारा और अपने बाएं हाथ की उंगली मोड़कर ड्रेसिंग रूम की तरफ इशारा किया। इसके पीछे की इमोशनल व प्रेरणादायी कहानी यह है कि स्टोक्स के पिता जेड स्टोक्स- न्यूजीलैंड के पूर्व रग्बी खिलाड़ी, अपने बेटे के साथ इंग्लैंड रग्बी कोच के रूप में काम करने के लिए आए थे। स्टोक्स के पिता को पेशेवर रग्बी करियर के दौरान उंगली में चोट लगी थी। डॉक्टर्स ने उन्हें ऑपरेशन कराने की सलाह दी थी, जिसकी वजह से उन्हें खेल से दूर रहना पड़ता।
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