क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने दो देशों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का अवसर प्राप्त किया। अब तक क्रिकेट के लंबे इतिहास में सिर्फ 15 खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिनको ये अनोखा मौका मिला। सबसे ज्यादा बार इंग्लैंड ने ऐसा मौका दिया है। इंग्लैंड ने 5 ऐसे खिलाड़ियों को अपने देश से खेलने का मौका दिया जो पहले किसी अन्य देश के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके थे। इन्हीं में से एक थे ऑस्ट्रेलिया के जेजे फेरिस, जिनका आज जन्मदिन है।
सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में 21 मई 1867 में जन्मे जॉन जेम्स फेरिस (जेजे फेरिस) एक बाएं हाथ के तेजतर्रार स्विंग बॉलर थे। उन्होंने 28 जनवरी 1887 को अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की, जब वो महज 20 साल के थे। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला। उस मैच में फेरिस ने 9 विकेट लिए और पहली पारी में इंग्लैंड 45 रन पर सिमट गई। बाद में बेशक वो मैच ऑस्ट्रेलिया हार गया लेकिन फेरिस को पहचान मिल गई थी।
एक के बाद एक
फेरिस उन खिलाड़ियों में नहीं थे जो किसी एक रिकॉर्ड या खास प्रदर्शन के बाद शांत बैठ जाते थे। वो हर मैच में अपना सौ प्रतिशत देते थे। पहले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 9 विकेट लेने के बाद दूसरे टेस्ट मैच में भी उन्होंने ऐसा ही किया और लगातार दो मैचों में 9 विकेट का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए शानदार प्रदर्शन किया और 1888 में वो इंग्लैंड दौरे पर गए जिसके बाद उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर अवॉर्ड भी मिला।
उसके बाद इंग्लैंड पहुंच गए, वहां भी रिकॉर्ड प्रदर्शन
जेजे फेरिस ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ 1890 के दौरे पर इंग्लैंड खेलने गए लेकिन वहां से लौटे नहीं। वो इंग्लैंड में ही बस गए। इंग्लैंड वाले फेरिस की प्रतिभा को देख चुके थे इसलिए उनको टीम में जगह बनाने में मुश्किल नहीं हुई। हालांकि इंग्लैंड के लिए वो 1891-92 में सिर्फ एक टेस्ट मैच खेल सके जब वो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में इंग्लिश टीम का प्रतिनिधित्व करने उतरे। उस मैच में उन्होंने 91 रन देकर 13 विकेट झटके थे। उन्होंने अपने टेस्ट करियर के 9 मैचों में 61 विकेट लिए जबकि 198 मैचों में 812 विकेट लिए।
द्वितीय युद्ध के लिए सेना में शामिल हो गए
इस क्रिकेटर ने 1939 से 1945 के बीच द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना का हिस्सा बनने की ठानी और दूसरे बोएड युद्ध में इंग्लैंड को अपनी सेवाएं देत भी नजर आए। उस युद्ध की वजह से उन्होंने अपनी अंतिम सांसें ना ऑस्ट्रेलिया में लीं और ना ही इंग्लैंड में..उनकी मृत्यु दक्षिण अफ्रीका के डरबन में हुई जब वो सेना के साथ वहां तैनात थे। उनको डरबन में टायफाइड हो गया था और उसी से उनकी मौत हो गई। वैसे एक रिसर्च ये भी कहती है कि फेरिस की मौत टायफाइड से नहीं बल्कि सेना से डिस्चार्ज होने के बाद ट्रैम में सफर करते हुए दिल का दौरा पड़ने से हुई। मौत कैसे हुई इस पर तो कुछ स्पष्ट नहीं हो सका लेकिन जब उन्होंने अलविदा कहा तब वो सिर्फ 33 साल के थे, अगर क्रिकेट खेलते रहते तो शायद उनके नाम कई और रिकॉर्ड भी होते।
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