Birthday Special: पोलियो भी नहीं डाल पाया राह में रोड़ा, कमजोरी को ताकत बनाकर झटके 242 टेस्ट विकेट

Birthday Special Bhagwath Chandrasekhar: भारत की महानतम स्पिन चौकड़ी में से एक भागवत चंद्रशेखर आज अपना 75वां जन्मदिन बना रहे हैं। आइए जानें उनके करियर के बारे में कुछ बातें।

Bhagwat Chandrashekhar
Bhagwat Chandrashekhar 
मुख्य बातें
  • भारत की स्पिन गेंदबाजी के सबसे अहम रत्नों में से एक भागवत चंद्रशेखर अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं
  • करियर में खेले 58 टेस्ट मैच और हासिल किए 242 विकेट
  • पांच साल की उम्र में दाहिने हाथ में हो गया था पोलियो, फिर उसी कमजोरी को बनाया सबसे बड़ी ताकत

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के सर्वकालिक महान लेग स्पिनर्स में से एक भागवत चंद्रशेखर का आज अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। ये दिन भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए निश्चित तौर पर सेलिब्रेशन का है। 17 मई 1945 को कर्नाटक के मैसूर में जन्मे भागवत चंद्रशेखर के बारे में एक बात कम लोगों को मालूम है कि बचपन में उनका दाहिना हाथ पोलियो से ग्रसित हो गया था। हालांकि उनकी कलाई में इसका कोई असर नहीं पड़ा। इसी हाथ की कलाई की मदद से वो तकरीबन मध्यम गति वाली गेंदों को गेंदों तरफ स्पिन कराने में सक्षम थे। गुगली, टॉप स्पिन और लेग ब्रेक उनकी सबसे बड़ी ताकत थी। 

स्पिन चौकड़ी की थे अहम कड़ी 
जिस दौर में दुनियाभर में तेज गेंदबाजों का दबदबा हुआ करता था उस दौर में भागवत चंद्रशेखर, इरापल्ली प्रसन्ना, बिशन सिंह बेदी, वेंकटराघवन की चौकड़ी धमाल मचा रही थी। भारतीय टीम की उस दौर में सफलता में इस स्पिन तिकड़ी का अहम योगदान होता था। चंद्रशेखर एक मैच विजेता गेंदबाज थे। उन्होंने साल 1971 में भारत की इंग्लैंड के ओवल और 1977-78 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न मिली जीत में अहम भूमिका अदा की थी। यह भारत की ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट जीत थी। ओवल में खेले गए टेस्ट मैच में चंद्रशेखर ने 38 रन पर इंग्लैंड के 6 विकेट धराशायी कर दिए थे। वहीं मेलबर्न टेस्ट में उन्होंने 104 रन देकर 12 विकेट लेकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी।  चंद्रशेखर के करियर के दौरान भारत ने कुल 14 टेस्ट मैच जीते।  इन 14 टेस्ट मैचों में उन्होंने 19.27 के औसत से 98 विकेट लिए। 

शानदार गेंदबाज-फिसड्डी बल्लेबाज
चंद्रशेखर जितने मंझे हुए गेंदबाज थे उतने ही फिसड्डी बल्लेबाज थे। उन्होंने 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में डेब्यू किया था। इस मैच में उन्होंने 5 विकेट हासिल किए थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 1964 से 1979 के बीच 15 साल के करियर में कुल 58 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 97 पारियों में 29.74 के औसत और 65.9 के स्ट्राइक रेट से कुल 242 विकेट हासिल किए। उन्होंने एक पारी में 16 बार पांच या उससे ज्यादा विकेट लिए। वहीं मैच में दो बार 10 से ज्यादा विकेट हासिल किए। उनका एक पारी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8/79 रहा। जबकि एक मैच में उन्होंने 12/104 विकेट हासिल किए।

38 बार नहीं खोल पाए खाता 
चंद्रशेखर ने लेग स्पिन गेंदबाजी को उस दौर में स्थापित किया जब इसे एक विलुप्त कला माना जाने लगा था। जिन टेस्ट मैचों में भारत ने जीत हासिल की उसमें उन्होंने 19वीं गेंद में विकेट हासिल किया। वहीं जिसमें भारतीय टीम को जीत नहीं मिली उन मैचों में वो 37वीं गेंद में विकेट झटक सके। वहीं बल्लेबाजी में उन्होंने 80 पारियों में 4.07 की औसत से 167 रन बनाए। 39 बार वो नाबाद रहे। करियर की 80 टेस्ट पारियों में से 38 में खाता भी नहीं खोल पाए। 

प्रथमश्रेणी क्रिकेट में ऐसा रहा रिकॉर्ड 
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने  246 मैच में 24.03 की औसत से 1063 विकेट हासिल किए। उन्होंने 75 बार पारी में पांच विकेट से ज्यादा लिए और 19 बार मैच में 10 या उससे ज्यादा विकेट लिए। उनका प्रथमश्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 9/72 विकेट रहा। 
 

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