नई दिल्ली: क्रिकेट अनिश्चित्ताओं का खेल है और यहां सभी प्रेडिक्शन फेल है। टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की यह बात अधिकांश बार सही साबित होती दिखती है। आप ही सोचिए एक गेंदबाज जिसने महान सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे धाकड़ बल्लेबाजों के विकेट लिए हो, उसके रातों-रात चमकने की खबरें कोई सुनेगा या फिर ये जानेगा कि उसका करियर तबाह हो गया?
जी हां, इस क्रिकेटर की जिंदगी एकदम अलग है। आज हम आपको एक ऐसे क्रिकेटर की जिंदगी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका करियर रातोंरात तबाह हो गया। दिग्गज बल्लेबाजों का विकेट लेने वाला ये गेंदबाज डिप्रेशन का शिकार हुआ और उसने खुदखुशी करने की कोशिश भी की। मगर योग ने इस क्रिकेटर की जान बचाई और अब वह एक योग गुरु बनकर अपनी जिंदगी बिता रहा है।
जिंबाब्वे के हैं क्रिकेटर
हम जिस क्रिकेटर की कहानी आपको बता रहे हैं, उसका नाम है ब्रायन स्ट्रेंग। जिंबाब्वे क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रायन स्ट्रेंग अब एक योग गुरु हैं। यही नहीं, वो लोगों को मार्शल आर्ट्स भी सिखाते हैं। स्ट्रेंग दुनियाभर में सफर करके लोगों को योग पर लैक्चर भी देते हैं। उनकी जिंदगी इतनी कैसे बदल गई? यह काफी दिलचस्प कहानी है, लेकिन इससे पहले स्ट्रेंग के करियर पर एक नजर डाल लेते हैं।
ब्रायन स्ट्रेंग बाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे। उन्होंने जिंबाब्वे के लिए 26 टेस्ट और 49 वनडे खेले, जिसमें क्रमश: 56 और 46 विकेट चटकाए। स्ट्रेंग ने फर्स्ट क्लास करियर में कुल 252 विकेट लिए। ब्रायन स्ट्रेंग का क्रिकेट से गहरा नाता रहा है क्योंकि उनके भाई पॉल स्ट्रेंग व पिता डोनाल्ड स्ट्रेंग भी जिंबाब्वे का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। स्ट्रेंग गेंद को काफी अच्छे से स्विंग कराते थे। उन्होंने इसके दम पर सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे धाकड़ बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था। वैसे, स्ट्रेंग के विकेटों की लिस्ट में इंजमाम उल हक और आमिर सोहेल जैसे बल्लेबाजों का नाम भी शामिल है।
ब्रायन स्ट्रेंग काफी अच्छे से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगे बढ़ रहे थे। उन्हें एक प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज माना जाता था, लेकिन अचानक ही उनका करियर तबाह हो गया। स्ट्रेंग ने असल में जिंबाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के कोटा सिस्टम का विरोध किया था, जिसके बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया था। जेल से छूटने के बाद इस क्रिकेटर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
ऐसे बने योग गुरु
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद स्ट्रेंग लंदन चले गए। लंदन में वो डिप्रेशन का शिकार हो गए और फिर उन्होंने खुदखुशी की कोशिश की। पूर्व तेज गेंदबाज ने लंदन की ट्यूब के आगे कटकर जाने देने का मन बना लिया था, लेकिन उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। ब्रायन फिर भारत आए और यहां योग शिक्षा प्राप्त की। योग से क्रिकेटर की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। उन्होंने अपना बिजनेस खोला, जिसमें वह लोगों को जीने का तरीका सिखाने लगे। आज ब्रायन दुनियाभर में लोगों को योग की शिक्षा देते हैं। यही नहीं, वो मार्शल आर्ट्स के भी ट्रेनर हैं। स्ट्रेंग का मानना है कि क्रिकेट भी योग की तरह है क्योंकि वो आपको इस पल में जीना सिखाता है।
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