इंग्लैंड और भारत के बीच इन दिनों टेस्ट सीरीज जारी है। भारतीय क्रिकेट टीम मौजूदा टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त के साथ आगे चल रही है। इन दोनों देशों का इतिहास काफी पुराना रहा है, फिर चाहे वो भारत का ब्रिटेन को 200 साल तक किए कब्जे के बाद देश से बाहर करना हो, या फिर उसके बाद उन्हीं द्वारा बनाए गए खेल में उन्हीं को चुनौती देना। आजादी के बाद भारतीय क्रिकेट को लेकर तमाम रणनीति बनीं और धीरे-धीरे क्रिकेट टीम मजबूत होती गई। टेस्ट क्रिकेट में भारत की एंट्री तो 1932 मे हो गई थी लेकिन इंग्लैंड की जमीन पर पहली जीत के लिए भारत को 39 साल इंतजार करना पड़ा।
भारत ने जब आजादी से पहले 1932 में टेस्ट स्टेटस हासिल कर लिया था। उसे टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले छठे देश के रूप में मान्यता हासिल हुई। भारतीय टीम को अगले 20 साल तक इंतजार करना पड़ा अपनी पहली टेस्ट जीत के लिए, जब उन्होंने 24 मैचों के इंतजार के बाद चेन्नई में इंग्लैंड को मात दी। लेकिन अभी एक बड़ा सपना बाकी था, और वो सपना था इंग्लैंड को उसी की जमीन पर मात देना। आखिरकार 1971 में वो सपना भी पूरा हुआ।
भारत-इंग्लैंड तीसरा टेस्ट, 1971 की टेस्ट सीरीज
साल 1971 में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई हुई थी। वहां टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहली पारी में इंग्लैंड की टीम 355 रन बनाकर ऑलआउट हुई। इस पारी में भारत की तरफ से एकनाथ सोल्कर ने 3 विकेट लिए। जबकि बेदी, चंद्रशेखर और वेंकटराघवन ने 2-2 विकेट हासिल किए।
भारतीय टीम का जवाब
जवाब देने उतरे भारतीय बल्लेबाज कुछ खास प्रदर्शन नही कर सके। मध्यक्रम में पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने सर्वाधिक 59 रन बनाए, जबकि दिलीप सरदेसाई ने 54 रनों की पारी खेली। कप्तान अजीत वाडेकर ने 48 रन और एकनाथ सोल्कर ने 44 रन की पारियां खेलीं। इसी के साथ भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 284 रन पर सिमट गई। इंग्लैंड की तरफ से रे इलिंगवर्थ ने सर्वाधिक 5 विकेट लिए।
इंग्लैंड की दूसरी पारी
मैच की दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम अपने पूरे रुतबे के साथ उतरी लेकिन भगवत चंद्रशेखर ने इस बार ऐतिहासिक प्रदर्शन कर डाला। च्रंदशेखर ने महज 38 रन देते हुए 6 विकेट झटके। जकि 2 विकेट वेंकटराघवन और एक विकेट बिशन सिंह बेदी ने लिया। पूरी इंग्लिश टीम दूसरी पारी में महज 101 रन पर सिमट गई।
भारत ने करारा जवाब दिया, मैच जीता और सीरीज भी
भारतीय टीम के सामने अब सिर्फ 173 रनों का लक्ष्य था। कप्तान अजीत वाडेकर ने 45 और दिलीप सरदेसाई ने 40 रनों का योगदान दिया, जिसके दम पर भारत की टीम ने 24 अगस्त 1971 को 6 विकेट के नुकसान पर जीत हासिल कर ली। हालांकि भारत को अंतिम 97 रन बनाने में 3 घंटे लगे। ये भारतीय टीम की इंग्लैंड की जमीन पर पहली जीत थी और उसके साथ ही भारत ने 1-0 से वो सीरीज भी जीत ली। यही नहीं, भारत ने इंग्लैंड का लगातार 26 मैचों से चला आ रहा जीत का सिलसिला भी तोड़ दिया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल