किंग्सटन: क्रिकेट काफी खतरनाक खेल है। इसमें गंभीर चोट से लेकर हड्डी टूटने तक का डर बना होता है। अब क्रिकेट काफी आधुनिक हो चुका है और सुरक्षा उपकरण भी काफी बन चुके हैं। मगर अभी भी खिलाड़ियों का चोटिल होना कम नहीं हो रहा। भारतीय विकेटकीपर रिषभ पंत को हाल ही में हेलमेट पर गेंद लगी थी, जिसके बाद वह कनकशन के कारण फील्डिंग करने मैदान में नहीं आए थे। पुराने जमाने में तो क्रिकेट और भी डरावना होता था क्योंकि बल्लेबाज बिना वाइसर (जाली) वाला हेलमेट पहनता था। तभी बॉडी लाइन बाउंसर का भी खूब उपयोग होता था। ऐसे में बिना सुरक्षा उपकरण के घातक बाउंसर का सामना करना वाकई जिगर वाला काम होता था।
वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज तो बाउंसर के लिए जाने जाते थे। दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज भी कैरेबियाई गेंदबाजों के सामने थर्राते थे। ऐसा ही एक वाकया 18 फरवरी 1986 को घटा था, जब एक दिग्गज बल्लेबाज बाउंसर पर गंभीर रूप से चोटिल हो गया था। उसकी खूब बेइज्जती भी हुई थी और इसे क्रिकेट के सबसे डरावने पलों में से एक माना जाता है। इस वाकये को जानकर वाकई रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
चोट और बेइज्जती
किंग्सटन में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच पहला वनडे खेला जा रहा था। तब कैरेबियाई तेज गेंदबाज मैलकम मार्शल की गेंद पर इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज माइक गैटिंग गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। गैटिंग की बेइज्जती इसलिए हुई क्योंकि बाउंसर उनकी नाक पर जाकर लगी और फिर गेंद जाकर स्टंप्स पर लग गईं। गैटिंग अपनी नाक पकड़कर रह गए और जबकि वह बोल्ड होकर आउट हो गए। गैटिंग की नाक से खून बहने लगा। सभी खिलाड़ी मैदान पर बल्लेबाज के पास घेरा बनाकर खड़े हो गए। इस बीच इंग्लैंड का फिजियो दौड़कर आया और गैटिंग को तौलिया दी। बल्लेबाज तौलिया अपने मुंह पर लगाकर मैदान से बाहर चला गया।
गेंद पर चिपकी मिली हड्डी
मार्शल की गेंद पर गैटिंग को गंभीर चोट लगी थी। वह मैदान से बाहर गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। मार्शल को बाद में गेंद पर गैटिंग की नाक की हड्डी का टुकड़ा चिपका हुआ मिला। यह वाकया वाकई किसी के भी रोंगटे खड़े कर देगा। गैटिंग को देखकर सभी खिलाड़ियों के चेहरे पर घबराहट स्पष्ट दिख रही थी।
सर्जन ने क्या कहा
माइक गैटिंग ने खुद अपनी चोट के बारे में बात करते हुए कहा था, 'मैं बहुत भाग्यशाली था कि गेंद नाक पर लगी। मुझे रोलैंड बुचर याद आते हैं, जिनकी आंख पर गेंद लगी थी। उन्हें फ्रैक्चर हुआ और वह काफी परेशान हुए। मेरे मामले में हड्डी टूट गई थी। इससे झटका लगा, लेकिन मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि सिर्फ नाक पर चोट लगी। मुझे सर्जन ने कहा था कि नाक की हालत ज्यादा खराब हो सकती थी। मेरी नाक की हड्डी धसकर दिमाग में जा सकती थी और फिर ज्यादा गंभीर परेशानी हो सकती थी।'
मैच का क्या हुआ
यह मुकाबला 46 ओवर प्रति पारी खेला गया था। इंग्लैंड की टीम ने 46 ओवर में 8 विकेट खोकर 145 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज ने 43.5 ओवर में 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। कैरेबियाई टीम ने 13 गेंदें शेष रहते 6 विकेट से मुकाबला जीता। माइक गैटिंग ने इस मैच में 37 गेंदों में 10 रन बनाए थे। वहीं मैलकम मार्शल ने 10 ओवर के अपने कोटे में एक मेडन सहित 23 रन देकर चार विकेट झटके थे।
नाक ठीक होने के बाद क्या हुआ
गैटिंग ने बताया था, 'नाक ठीक होने के बाद मुझे कहा गया कि जाली वाला हेलमेट पहनना होगा। मैंने पहले कभी इसे नहीं पहना था। मैंने आखिरी टेस्अ में इसका इस्तेमाल किया। मेरा ध्यान तब दर्द पर गया ही नहीं। मेरा पूरा ध्यान इस बात पर था कि ग्रिल के बीच से गेंद कैसे देखना है।'
टेस्ट में मार्शल की कर दी धुनाई
माइक गैटिंग ने कहा था, 'मुझे पता था कि मार्शल बाउंसर के साथ मेरा स्वागत करेंगे। मगर मेरे मन में एक ही बात थी कि अब बाउंसर आई तो हुक और पुल शॉट खेलूंगा। मैंने ऐसा ही किया और एक दो शॉट जमाने के बाद अपना विश्वास हासिल किया। मैं जब भी अपने घाव को देखता हूं तो यही सोचता हूं कि भाग्यशाली हूं कि आंख बच गई।'
वॉर्न की बॉल ऑफ द सेंचुरी के लिए किया जाता है याद
माइक गैटिंग को क्रिकेट जगत एक खास वजह से याद रखता है। इंग्लिश बल्लेबाज वो ही है, जो शेन वॉर्न की बॉल ऑफ द सेंचुरी का शिकार बने थे। शेन वॉर्न ने लेग स्टंप के काफी बाहर से गेंद को टर्न कराया, जिस पर गैटिंग बैकफुट पर गए और गेंद उनका ऑफ स्टंप ले उड़ी। इस गेंद पर हर कोई हक्का-बक्का रह गया था। इसे फिर बॉल ऑफ द सेंचुरी घोषित किया गया।
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