करियर के पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में अगर कुछ अहम विकेट मिल जाएं तो ये किसी भी गेंदबाज के लिए खुशी की बात होती है, लेकिन अगर आप उस मैच के स्टार बन जाएं और 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब आपको दे दिया जाए, तो खुशी दोगुनी हो जाती है। ऐसा ही कुछ बुधवार रात कोलकाता में 21 साल के रवि बिश्नोई के साथ हुआ। वेस्टइंडीज के खिलाफ वो भारत की जीत के हीरो बने। मैच के बाद उन्होंने क्या कुछ कहा, आइए आपको बताते हैं।
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले में रवि बिश्नोई ने 2 ओवर में सिर्फ 17 रन देते हुए 2 अहम विकेट झटके। उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने उतरी कैरेबियाई टीम के मिडिल ऑर्डर के दो धाकड़ बल्लेबाजों- रॉस्टन चेज (4 रन) और रोवमेन पॉवेल (2 रन) को एक ही ओवर में आउट करते हुए निकोलस पूरन (61) की मेहनत खराब कर दी। वेस्टइंडीज सिर्फ 157 रन ही बना सका और टीम इंडिया ने इस लक्ष्य को आसानी से हासिल करके मैच जीत लिया।
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रवि बिश्नोई को 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब दिया गया तो उनको खुद इस बात का भरोसा नहीं हुआ। बिश्नोई ने अवॉर्ड लेने के बाद कहा, "अब शांत हूं। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा था (डेब्यू का मौका मिलने पर)। भारत के लिए खेलना सबका सपना होता है और ये सोचकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। वेस्टइंडीज टी20 की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से गिनी जाती है और मुझे उनके खिलाफ खेलने का मौका मिला।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने सोचा नहीं था कि मुझे मेरे पहले ही मुकाबले में मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिलेगा। ये सपना सच होना है।" इसके अलावा बिश्नोई ने को अपनी एक कमजोरी का अहसास भी है, उन्होंने कहा कि वो अगले मैच में वाइड गेंदों पर लगाम लगाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने इस मैच में 6 वाइड गेंदें फेंकीं। अगर वो एक भी वाइड ना करते तो उनका इकॉनमी रेट और भी जबरदस्त होता क्योंकि उन्होंने अपने 4 ओवरों में कुल 17 रन ही लुटाए जिसमें वाइड के रन भी शामिल हैं।
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