नई दिल्लीः पूर्व दिग्गज भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर को प्रतिभाओं को तलाशने के मामले में भारत के सबसे अच्छे चयनकर्ताओं में से एक माना जाता रहा, जिन्होंने पहली बार आयु वर्ग के क्रिकेट में राष्ट्रीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली की प्रतिभा को पहचाना था। इस पूर्व कप्तान के चयनसमिति के अध्यक्ष के तौर पर 2006 से 2008 का कार्यकाल आने वाले चयनकर्ताओ के लिए एक पैमाना बना क्योंकि उनके चयनकर्ता रहते हुए महेन्द्र सिंह धोनी कप्तान बने और उन्होंने विराट कोहली का पक्ष लिया।
सोमवार को अपना 64 जन्मदिन मनाने वाले वेंगसरकर ने पीटीआई से कहा, ‘प्रतिभा को परखना मेरा काम था। आप प्रतिभा को परखने में अच्छे हो सकते हैं लेकिन अगर कोई प्रतिभावान है तो उसे मौका मिलना चाहिए।’ वेंगसरकर का मानना है कि वह चयनसमिति के अध्यक्ष पद से न्याय करने में इसलिए सफल रहे क्योंकि वह बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के प्रतिभा अनुसंधान विकास विभाग (टीआरडीडब्ल्यू) से जुड़े थे जिसने धोनी जैसे क्रिकेटर की प्रतिभा को तलाशा था। टीआरडीडब्ल्यू हालांकि अब अस्तित्व में नहीं है।
कोहली का ये रवैया पसंद आया था
कोहली के बारे में बात करते हुए वेंगसरकर गर्व के साथ कहते हैं कि वह आस्ट्रेलिया के इमर्जिंग टीम के दौरे पर चयनसमिति के अध्यक्ष के कहने पर पारी की शुरूआत करने को भी तैयार थे। कोहली का यह रवैया वेंगसरकर को काफी पसंद आया। वेंगसरकर ने कहा, ‘‘टीआरडीडब्ल्यू के अध्यक्ष के तौर पर मैंने जूनियर क्रिकेट में कोहली को कई बार देखा था। इसलिए जब मैं चयन समिति का अध्यक्ष बना, तो हमने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के एक इमर्जिंग टीम के दौरे के लिए चुना। मैं वहां था और जब मैंने उसे बल्लेबाजी करते देखा तो मुझे पता था कि वह क्रिकेट में बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार है।’’
क्या लगता था कि कोहली 15 साल तक खेलेंगे?
दिलीप वेंगसरकर से जब पूछा गया कि क्या कोहली को देखकर उन्हें लगा था कि वह 15 साल तक क्रिकेट खेलेंगे तो उन्होंने, ‘‘आप कभी भी इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हो सकते कि किसी खिलाड़ी का करियर कितना लंबा चलेगा। मैंने जो देखा वह एक असाधारण प्रतिभा थी और अगर आप प्रतिभा की पहचान कर सकते हैं तो आपको पता होगा कि किस खिलाड़ी के पास शीर्ष स्तर पर सफल होने की संभावना है। पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ शीर्ष स्तर के लिए आपके पास कुछ अतिरिक्त कौशल होना चाहिए और कोहली में वह था।’’
क्या कोहली को ना चुनने का दबाव था?
वेंगसरकर से पूछा गया कि क्या उन पर कोहली का चयन नहीं करने का कोई दबाव था क्योंकि उस समय इस बल्लेबाज के रवैये पर काफी सवाल उठते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी ने मुझ पर दबाव डाला। मुझे यकीन था कि मैंने उस समय असाधारण प्रतिभा वाले एक खिलाड़ी को चुना था। मुझे पता था कि वह एक जबरदस्त खिलाड़ी थे, जिन्हें समर्थन की जरूरत थी।"
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