नई दिल्लीः क्रिकेट की दुनिया में आपने कई खिलाड़ियों के करियर को देखा होगा। कुछ के करियर के आंकड़े बड़े-बड़े रिकॉर्ड्स में तब्दील हो जाते हैं, जबकि कुछ के आंकड़े काफी कम रहते हैं और उनका करियर कुछ ही समय तक रह पाता है। लेकिन क्या आपने किसी ऐसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के बारे में सुना है जिसके करियर के आंकड़ों में शून्य के अलावा और कुछ नहीं है।
आज जिस क्रिकेटर का जन्मदिन है, उस पूर्व खिलाड़ी का करियर कुछ ऐसा ही अजीबोगरीब रहा था। नाम है- एमाइल मैकमास्टर। उनका जन्म आज ही के दिन 1861 में आयरलैंड के गिलफोर्ज में हुआ था।
इस खिलाड़ी के नाम में तो मास्टर आता है, लेकिन वो एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रहे जिन्होंने ना घरेलू क्रिकेट में कोई मैच खेला, ना किसी क्लब का अनुभव था, फिर भी उन्होंने सीधे इंग्लैंड की टीम में जगह बनाई।
एमाइल मैकमास्टर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर के रूप में सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने वो मैच 1889 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में खेला। वो उस मैच में सिर्फ एक बार बल्लेबाजी करने उतरे और नंबर.9 पर आते ही पहली गेंद पर बोल्ड हो गए। उनको दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज गोबो एश्ले ने आउट किया जिन्होंने उस पारी में 7 विकेट झटके थे।
उस मैच में इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को फॉलोऑन खिलाया था, यानी इंग्लैंड ने दोबारा बल्लेबाजी नहीं की। एमाइल मैकमास्टर की दोबारा बल्लेबाजी नहीं आई और ना ही उस मैच के बाद उनको दोबारा खेलने का मौका दिया गया। ये उनके क्रिकेट करियर की शुरुआत थी और यही अंत था। उनके पूरे करियर में सिर्फ 1 मैच में 0 रन दर्ज है।
आज भी ये एक पहेली ही है कि आखिर एमाइल को टीम में लिया क्यों गया था, किस आधार पर उनका टीम में चयन हुआ था। क्योंकि ना तो उनको कोई अनुभव था, ना तो उनसे बॉलिंग करवाई गई और बैटिंग में भी 9वें नंबर पर उतारा गया।
सिर्फ एमाइल ही नहीं, उनका बेटा भी क्रिकेटर था, और ये इत्तेफाक ही है कि उनके बेटे माइकल मैकमास्टर का करियर भी सिर्फ 1 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच तक सीमित रहा। माइकल रॉयल नेवी के लिए एक प्रथम श्रेणी मैच खेलने उतरे जिसकी दो पारियों में उन्होंने 13 रन बनाए थे।
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