साउथैम्पटन: आखिरकार कोरोना वायरस के कहर के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो गई है। साउथहैम्पट में टेस्ट मैच के आगाज से पहले दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों को गेंद और बल्ले की टक्कर देखने के लिए 117 दिन लंबा इंतजार करना पड़ा है। भले ही टेस्ट क्रिकेट की वापसी हो गई है लेकिन कोरोना ने खेल के इस पारंपरिक स्वरूप पर भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा है। आईसीसी को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कई बदलाव करने पड़े हैं। कई बदलाव तो ऐसे हैं जिन्हें अपना पाना खिलाड़ियों के लिए भी बहुत मुश्किल होगा। आइए जानते हैं कोरोना से पहले और कोरोना के बाद मैदान पर खेल के नियमों में नजर आएंगे कौन से बड़े अंतर।
गेंद को चमकाने के लिए नहीं होगा लार का इस्तेमाल
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर आईसीसी की क्रिकेट कमिटी ने गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर अस्थाई तौर पर प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की थी जिसे आईसीसी ने स्वीकार कर लिया था। गेंद को चमकाने के लिए पसीने के इस्तेमाल की अनुमति होगी। ये कोरोना काल में एक ऐसा बदलाव है जिसपर जमकर बहस हुई। माना जा रहा है कि इससे टेस्ट क्रिकेट में गेंद और बल्ले के बीच का संतुलन प्रभावित होगा। इस बदलाव के साथ तालमेल बिठाने में गेंदबाजों और फील्डरों सभी को परेशानी होगी। लार का इस्तेमाल खिलाड़ियों द्वारा किए जाने की स्थिति में टीम को प्रत्येक पारी में दो बार चेतावनी दी जाएगी। तीसरी बार ऐसा करने पर विरोधी टीम के खाते में पांच रन जोड़ दिए जाएंगे। ऐसे में देखना होगा कि टीमें इस नियम से कैसे पार पाती हैं।
मैदान में नहीं होंगे दर्शक
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर मैदान में दर्शकों के आने पर पाबंदी लगा दी गई है। माना जा रहा है कि टीवी पर दर्शकों को पहले की तरह अनुभव देने के लिए दर्शकों की आवाज प्रसारण के साथ डाली जाएगी। सामाजिक दूरी के नियमों के तहत दोनों कप्तानों और टीम के सदस्यों के लिए अलग से प्लेयर्स जोन बनाया गया है। जहां वो पत्रकारों से बात कर सकेंगे।
कोविड 19 रिपलेसमेंट्स
आईसीसी के नए नियमों के मताबिक पांच दिवसीय मैच के दौरान अगर मैच के दौरान नोवेल कोरोना वायरस के लक्षण किसी खिलाड़ी के अंदर दिखाई देते हैं तो वो उसके बदले दूसरे खिलाड़ी को शामिल कर सकते हैं। ये बदलाव कन्कशन सब्स्टीट्यूट की तरह होगा। इसमें टीमें लाइक फॉर लाइक के आधार पर बदलाव कर सकती हैं। यानी बल्लेबाज के बदले बल्लेबाज और गेंदबाज के बदले बल्लेबाज को शामिल किया जा सकता है।
जैव सुरक्षित आयोजन स्थल
इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीनों टेस्ट मैच जैव सुरक्षित वातावरण में खेले जाएंगे। पहला टेस्ट साउथैम्पटन के एजेस बाउल स्टेडियम में खेला जाएगा। जबकि बाकी के दो मैच ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जाएंगे। खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों को मैदान में बने होटल्स में रहना होगा। उन्हें वहां से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। सभी खिलाड़ियों और अधिकारियों की रोजाना स्क्रीनिंग की जाएगी और मैच के दौरान हर दिन कोविड 19 की जांच की जाएगी। जैव सुरक्षित मैदानों को विभिन्न जोन्स में बांटा गया है जहां दोनों टीमों के खिलाड़ी, मैच ऑफीशियल्स, ग्राउंड स्टाफ और मीडिया को अलग रखा जा सके। एक जोन से दूसरे जोन में जाने की अनुमति किसी को भी नहीं होगी।
नॉन न्यूट्रल अंपायर्स
आईसीसी ने अस्थाई तौर पर टेस्ट और वनडे मैचों में न्यूट्रल अंपायर्स रखने की नीति में बदलाव करने का फैसला किया है। इसका मतलब 19 साल लंबा अंतराल के बाद इंग्लैंड का अंपायर, इंग्लैंड में इंग्लैंड के मैच में टेस्ट मैच में अंपायरिंग करते दिखेंगे। मैच के दौरान सभी अंपायर इंग्लैंड के होंगे। तीन मैच के लिए अंपायरों के जिस पैनल का चुनाव किया गया है वो सभी इंग्लैंड के हैं। जिसमें रिचर्ड इलिंगवर्थ, रिचर्ड केटलबोरो, माइकल गॉफ, एलेक्स व्हार्फ और डेविड मिल्स तीन मैच की सीरीज के दौरान अलग-अलग भूमिका में नजर आएंगे।
अतिरिक्त डीआरएस रिव्यू
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुभवी अंपायरों की संभावना को देखते हुए अगले कुछ महीने के लिए आईसीसी का मानना है कि सभी टीमों को पारी के दौरान डिसीजन रिव्यू करने का अतिरिक्त मौका दिया जाए। इसके अनुसार अब टेस्ट मैचों में एक पारी में दो की बजाए तीन असफल डीआरएस रिव्यू लिए जा सकेंगे।
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