मैनचेस्टर: इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी और निर्णायक टेस्ट मैच शुक्रवार से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफर्ड में शुरू होगा। इसी मैदान पर खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में 113 रन के अंतर से जीत हासिल करके मेजबान टीम सीरीज में 1-1 की बराबरी पर पहुंची है। जबकि साउथैम्पटन में खेले गए पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज ने 4 विकेट के अंतर से जीत दर्द की थी।
सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में अब मुकाबला करो या मरो का हो गया है। दोनों ही टीमों के लिए जीत दर्ज करना जरूरी है। एक तरफ वेस्टइंडीज की टीम 32 साल बाद इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना संजोए हुए है। वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड की टीम विजडन ट्रॉफी पर कब्जा करना चाहती है। जिसे उसने पिछले साल वेस्टइंडीज दौरे पर 1-2 की हार के साथ गंवा दिया था। ऐसे में दोनों में से कोई भी टीम जीत के लिए किसी तरह की कोर कसर नहीं छोड़ना चाहेगी।
अब तक सीरीज में दोनों टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है। इसलिए तीसरे टेस्ट के भी पहले दो टेस्ट की तरह रोमांचक होने की उम्मीद है। सीरीज का निर्णायक टेस्ट होने के कारण इसका रोमांच पहले दो मैचों की तुलना में बढ़ गया है।
दोनों टीमों के गेंदबाजों के बीच होगा मुकाबला
मैच में सभी की नजरें दोनों टीमों के तेज गेंदबाजी आक्रमण पर रहेंगी। इंग्लैंड टीम के कोच क्रिस सिल्वरवुड ने पहले ही कह दिया है कि वह इस मैच में अपने सबसे मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के साथ उतरेंगे। ऐसे में पूरी संभावना है कि जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और जोफ्रा आर्चर की तिगड़ी एक साथ देखने को मिले। अभी तक इस सीरीज में ब्रॉड और एंडरसन एक साथ नहीं खेले हैं।
सीरीज निर्णायक मुकाम पर है तो इन दोनों का एक साथ आना काफी हद तक संभव। जैव सुरक्षित वातावरण प्रोटोकॉल को तोड़ने की वजह से आर्चर दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाए थे। ऐसे में पांच दिन के क्वांरनटीन पीरियड काटने और दो कोविड-19 टेस्ट के निगेटिव के बाद वो मैदान में फिर से उतरने को तैयार हैं। वहीं कैरेबियाई टीम की गेंदबाजी की बात की जाए तो शेनन गैब्रिएल, अल्जारी जोसफ तीसरे मैच में भी टीम की बागडोर संभालेंगे। इनके साथ कप्तान जेसन होल्डर भी हैं जिन्होंने अभी तक इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया है।
बेन स्टोक्स हैं दोनों टीमों के बीच सबसे बड़ा अंतर
दोनों टीमों के बीच हो रही कड़ी प्रतिस्पर्धा में एक बड़ा अंतर ऑलराउंडर बेन स्टोक्स हैं। गेंद और बैट दोनों से फॉर्म में चल रहे स्टोक्स ने दूसरे मैच में अपनी शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी के बल पर सीरीज में वापस ला दिया। उन्होंने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 176 और दूसरी में 57 गेंद में 78 रन की धमाकेदार पारी खेली और मैच में कुल तीन विकेट झटके। ऐसे में टीम को उनसे एक बार फिर ऐसे ही मैच जिताऊ प्रदर्शन की उम्मीद है।
वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो अकेले मैच का रूख पलट देते हैं। ऐसा उन्होंने कई बार किया है। वहीं विंडीज की टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है जो बल्ले और गेंद दोनों से मैच विजेता बने।
पिछले मैच में स्टोक्स के साथ डॉम सिबली ने शतक जमाया था। वो अपने अच्छे फॉर्म को जारी रखना चाहेंगे। हालांकि जोस बटलर अबतक कोई कमाल नहीं दिखा सके हैं ऐसे में उनसे टीम को बड़ी पारी की उम्मीद है। वहीं कप्तान जो रूट का बल्ला भी दूसरे टेस्ट में खामोश रहा। तीसरे टेस्ट में अगर उनका बल्ला रन उगलता है तो वो इंग्लैंड की टीम मजबूत स्थिति में पहुंच जाएगी।
विंडीज टीम में जर्मने ब्लैकवुड अच्छी फॉर्म में हैं। उन्होंने पहले मैच में टीम को जीत दिलाई थी और दूसरे मैच में भी वह दूसरा पारी में अर्धशतक जमाने में सफल रहे थे। शामरा ब्रूक्स ने भी उनका अच्छ साथ दिया था। टीम के मुख्य बल्लेबाजों में से एक शाई होप अभी तक ज्यादा प्रभावित नहीं कर सके हैं। इस अहम मैच में अगर उनका बल्ला चलता है तो यह मेहमान टीम के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। कर्टली एम्ब्रोस उन्हें तीसरे टेस्ट में नहीं खिलाने की बात कह चुके हैं। वहीं क्रैग ब्रैथवेट, रोस्टन चेज से भी टीम को रन करने की उम्मीद है। लेकिन कैरेबियाई टीम की ताकत बल्लेबाजी नहीं गेंदबाजी है और उनके भरोसे ही टीम जीत हासिल कर सकती है।
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