नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर के 85 रन की पारी को बल्लेबाज की मौकों से भरी बताया। सचिन तेंदुलकर अपनी टीम के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर जरूर थे, लेकिन उन्हें अपनी पारी के दौरान चार जीवनदान मिले थे। शाहिद अफरीदी की गेंदों पर तीन जबकि एक जीवनदार मोहम्मद हफीज की गेंद पर मिला था- जब डीआरएस के जरिये एलबीडब्ल्यू का फैसला बदला गया था। 23 रन पर तीसरे अंपायर की मदद से दोबारा मौका पाने वाले तेंदुलकर को 27, 45, 70 और 81 रन पर फिर जीवनदान मिले थे। यह मौकों से भरी पारी जरूर थी, लेकिन इसकी मदद से टीम इंडिया 260 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में कामयाब हुई थी।
आशीष नेहरा ने द ग्रेटेस्ट राइवलरी पॉडकास्ट में कहा, 'यह कहने की जरूरत तो नहीं, लेकिन सचिन तेंदुलकर खुद भी जानते हैं कि वह उस मैच में कितने भाग्यशाली थे। यह उनकी सबसे बिखरी हुई पारियों में से एक थी। जब भी आपने देखा होगा कि तेंदुलकर ने 40 रन भी बना लिए हैं, तो आप पाएंगे कि खराब फैसले, या कैच टपकाए गए। मगर किसी को कभी इतने ज्यादा मौके नहीं मिल पाते हैं।'
भारत और पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल मुकाबला आशीष नेहरा का अंतिम वनडे साबित हुआ, जहां उन्होंने 33 रन देकर दो विकेट चटकाए। भारत ने पाकिस्तान को 29 रन से मात देकर फाइनल में जगह पक्की की थी। यह विश्व कप में लगातार पांचवां मौका था, जब भारत ने पाकिस्तान को मात दी थी। अब यह बढ़त 7-0 हो चुकी है। आशीष नेहरा ने कहा कि भारत को जिस तरह की शुरूआत मिली थी, उससे 350 रन के स्कोर की उम्मीद की जा रही थी। भारतीय टीम 90 रन पीछे थी। उनका मानना है कि टीम ने 260 रन के लक्ष्य की रक्षा करके अपने आप को बेहतर साबित किया।
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