Rajat Bhatia retirement news: घरेलू क्रिकेट के अनुभवी खिलाड़ी रजत भाटिया ने बुधवार को खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की। तमिलनाडु के साथ 2003-04 में अपना करियर शुरू करने वाले 40 साल के आल राउंडर ने ज्यादातर क्रिकेट दिल्ली की ओर से ही खेला। 2018-19 में उन्होंने नयी टीम उत्तराखंड को रणजी ट्राफी क्वार्टरफाइनल में पहुंचाया।
वो 2014 में भारत के लिये खेलने के करीब पहुंच गये थे लेकिन उनका कहना है कि इस लंबे करियर में उन्हें इसका कोई पछतावा नहीं है। दिल्ली क्रिकेट टीम के संकटमोचक माने जाने वाले भाटिया ने 112 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 49.10 के औसत से 6482 रन जुटाये। इसके साथ ही उन्होंने 137 विकेट भी हासिल किये। वह 119 लिस्ट ए और 146 टी20 मैच भी खेले।
मैंने पिछले साल ही ले लिया था फैसला
दिल्ली में जन्में इस क्रिकेटर ने पिछले सत्र में बांग्लादेश में लिस्ट ए क्रिकेट भी खेला। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने पिछले साल ही संन्यास के बारे में फैसला कर लिया था। मैं यहां घरेलू क्रिकेट नहीं खेल रहा था और फिर कमेंटरी करने लगा। फिर मैं बांग्लादेश में बतौर पेशेवर खेल रहा था लेकिन इस साल उन्होंने पेशेवर खिलाड़ियों को रखना बंद कर दिया और फिर कोरोना वायरस फैल गया। इसलिये मैंने सोचा कि अब संन्यास लेने का समय आ गया है।’’
मैं ज्यादा फिट महसूस कर रहा हूं
रजत ने आगे कहा, ‘‘वैसे मैं पहले से ज्यादा फिट महसूस कर रहा हूं और विदेशी लीग में खेल सकता हूं।’’ वह 2014 में भारत की ओर से खेलने के करीब पहुंच गये थे जब उन्हें टी20 विश्व कप के संभावित खिलाड़ियों में शामिल किया गया था। लेकिन उन्हें कोई पछतावा नहीं है कि वह भारतीय टीम की जर्सी नहीं पहन सके।
कोई पछतावा नहीं
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने करियर को उस तरह से सोचना नहीं चाहता। यह सोचना बहुत अपरिपक्व होगा। मैं काफी कुछ कर पाया और इसकी मुझे खुशी है। कोई पछतावा नहीं है।’’
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