रांची: भारतीय क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बेहद शानदार प्रदर्शन किया। टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज के तीनों मैचों में मेहमान टीम को करारी मात देकर धमाकेदार अंदाज में सीरीज पर 3-0 के अंतर से कब्जा कर लिया। एक तरफ भारतीय बल्लेबाजों ने अफ्रीकी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी। तो दूसरी तरफ गेंदबाज भी अफ्रीकी टीम की बल्लेबाजी को बार-बार ढहाने में कामयाब रहे। भारतीय टीम के सीरीज में दबदबे के का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीरीज में भारतीय टीम एक बार भी ऑलआउट नहीं हुई। वहीं, भारतीय गेंदबाजों ने 6 बार फॉफ डुप्लेसी की टीम का बोरिया बिस्तर समेट दिया।
दुनियाभर के दिग्गज भारत के मौजूदा गेंदबाजी आक्रमण को दुनिया में सबसे बेहतर बता चुके हैं। जो किसी भी टीम को उसके घर पर चुनौती देने के काबिल है। इसकी झलक पिछले एक साल में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरे पर दिखा चुकी है। लंबे अंतराल के बाद घरेलू सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए टीम इंडिया के गेंदबाजों ने अपने प्रदर्शन को जारी रखा और सीरीज में 60 में से 58 विकेट झटककर टीम की जीत सुनिश्चित कर दी।
इस दौरे पर टीम इंडिया की पेस बैटरी और स्पिन आक्रमण के बीच संतुलन देखने को मिला। भारतीय तेज गेंदबाजों ने तीन मैच की 6 पारियों में 17.50 की औसत और 35.2 के स्ट्राइक रेट से 26 विकेट झटके। मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने सबसे ज्यादा विकेट झटकने वाले तेज गेंदबाज रहे। शमी ने जहां 3 मैच में 13 विकेट लिए वहीं उमेश ने 2 मैच में 11 विकेट अपने नाम किए। वहीं दूसरी तरफ अफ्रीकी तेज गेंदबाज अपनी-अपनी गेंदबाजी का जलवा नहीं दिखा सके और 3 मैच की 4 पारी में 70.20 के औसत और 131.7 के स्ट्राइक रेट से 10 विकेट झटकने में सफल रहे।
वहीं रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने स्पिन गेंदबाजी में अपना जलवा बरकरार रखते हुए 28 विकेट बांट लिए। अश्विन ने जहां 15 विकेट अपने नाम किए वहीं जडेजा ने 13 विकेट झटके। रांची में डेब्यू करने वाले शाहबाज नदीम ने 4 विकेट लिए। भारतीय स्पिनर्स ने सीरीज में 27.18 की औसत और 59.9 के स्ट्राइकरेट से 32 विकेट झटके। वहीं दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर्स केवल 15 विकेट झटक सके। सबसे ज्यादा 6 विकेट केशव महाराज ने लिए।
भारतीय टीम ने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाया था और 6 बार मेजबान टीम को ऑलआउट करने में सफल रही थी। भारत के गेंदबाजों ने सीरीज में 60 में से कुल 57 विकेट झटके थे। जिसमें से 50 विकेट तेज गेंदबाजों मोहम्मद शमी (15), जसप्रीत बुमराह (14), भुवनेश्वर कुमार (10), इशांत शर्मा (8),हार्दिक पांडया (3) विकेट लिए थे। वहीं रविचंद्रन अश्निन ने 7 विकेट लिए थे।
घर पर उसी प्रदर्शन को भारतीय गेंदबाजों ने एक बार फिर दोहराकर ये बता दिया है कि उनकी वो सफलता तुक्का नहीं थी। वो दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम के गेंदबाज हैं और वैसा ही प्रदर्शन दुनियाभर में कर रहे हैं।
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