नई दिल्ली: भारत के पूर्व स्टार क्रिकेटर और सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह का आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिल में युवराज सिंह के लिए हमेशा से एक खास जगह रही है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद भी वो अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। युवराज की पहचान एक एक बेहतरीन मैच फिनिशर की रही है जिन्होंने सौरव गांगुली की कप्तानी में करियर की शुरुआत करते हुए कई मैचों में टीम इंडिया की नैय्या पार लगाई है। उनके खेल के प्रति जुनून का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2011 का विश्व कप उन्होंने कैंसर से जूझते हुए खेला और मैन ऑफ द सीरीज बने। इसके बाद कैंसर को मात देकर दोबारा टीम में वापसी की।
युवराज जब अपनी पूरी लय में होते थे तो बड़े से बड़ा गेंदबाज उनके सामने बेबस नजर आता था। युवराज ने 2007 के टी20 वर्ल्ड कप और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। जून 2019 में युवराज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। टीम इंडिय के लिए युवराज ने 402 मैच खेले और इस दौरान कुल 11,778 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान कुल 17 शतक जड़े। एक नजर युवराज के करियर की पांच शानदार और लाजवाब पारियों पर...
युवराज ने पहले मैच में लोगों को बनाया अपना मुरीद
युवराज ने अपने पहले वनडे मैच से ही क्रिकेट प्रेमियों को अपना मुरीद बना लिया था। साल 2000 में नैरोबी में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 130 रन पर चार विकेट गंवाकर संकट में थी। इस मैच में 18 वर्षीय युवराज पहली बार वनडे मैच में बल्लेबाजी करने उतरे थे। उन्होंने 80 गेंदों में 84 रन बनाकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पारी इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने ग्लैन मैक्ग्रा और ब्रेट ली जैसे गेंदबाजों के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की। इस मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 20 रन से शिकस्त दी।
लॉर्ड्स में युवराज के आगे बेबस हुआ इंग्लैंड
कुछ साल पहले तक वनडे में 300 रन के लक्ष्य को बड़ा माना जाता था। लेकिन युवराज ने किसी टार्गेट को बड़ा नहीं माना। बात 2002 की है जब लॉर्ड्स में नेटवेस्ट वनडे फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के 156 रन पर 5 खिलाड़ी पवेलियन लौट चुके थे और जीत के लिए 326 रन बनाने थे। ज्यादातर प्रशंसकों को जीत की कोई उम्मीद नहीं थी। ऐसे वक्त में युवराज ने मोहम्मद कैफ के साथ एक बेहतरीन पार्टनरशिप निभाकर टीम को जीत दिलाने में बेहतरीन योगदान दिया। युवराज ने इस मैच में 63 गेंदों में 69 रन बनाए। इसे भारत की लाजवाब जीत में से एक कहा जाता है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़ा पहला शतक
युवराज विरोधी टीमों के खिलाफ जमकर बल्लेबाजी करते हैं। उन्होंने कई लंबी पारियां भी खेली हैं। लेकिन युवराज को पहले शतक जड़ने में थोड़ा वक्त लगा था। उन्होंने पहला शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। सिडनी में वीबी ट्राइ-सीरीज में भारतीय टीम पहले बल्लेबाज कर रही थी, इस मैच में युवराज पांचवे नंबर पर बैटिंग करने आए। उन्होंने 122 गेंदों में 139 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली थी।
छह गेंद में छह छक्कों ने बनाया सिक्सर किंग
साल 2007 में डर्बन में इंग्लैंड के खिलाफ मैच से युवराज सिंह सिक्सर किंग बने। भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पहले बल्लेबाजी कर रही थी और स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 159 रन था। इसके बाद युवराज जैसे ही मैदान पर आते हैं उनकी एंड्रयू फ्लिंटॉफ के साथ नोंक-झोंक हो गई। अगले ओवर में युवा स्टुअर्ट ब्रॉड गेंदबाजी के लिए आए और युवराज उनकी किसी गेंद को नहीं बख्शा और मैदान के चारों ओर उनकी छह गेंदो में छह छक्के जड़ने का अनोखा कारनामा कर दिखाया। इस पारी के दौरान उन्होंने महज 12 गेंदो में अर्धशतक जड़ा। उन्होंने 16 गेंदों की अपनी पारी में 7 छक्कों और तीन चौकों की मदद से 58 रन बनाए।
बीमार होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले युवराज
साल 2011 का वर्ल्ड कप जीतकर भारत ने दूसरी बार यह खिताब अपने नाम किया था। यह वर्ल्ड कप युवराज सिंह के शानदार प्रदर्शन का भी गवाह बना। युवराज इस टूर्नामेंट के 'प्लेयर ऑफ दी सीरीज' भी बने थे। उन्होंने वर्ल्ड कप में बेहतरीन बल्लेबाजी के साथ-साथ शानदार गेंदबाजी से भी खुद को साबित किया। युवराज ने विश्व कप के दौरान 362 रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी चटकाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में तो युवराज बीमार होने के बावजूद खेले और इस मैच में 57 रनों की अहम पारी खेली। हालांकि, बाद में पता चला कि युवराज इस मैच के दौरान कैंसर से जूझ रहे थे।
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