कोलंबो: अभी कुछ ही दिन हुए थे कि श्रीलंका के पूर्व खेल मंत्री महिंदानंदा ने 2011 विश्व कप फाइनल फिक्स होने का दावा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि श्रीलंकाई टीम ने भारत को मैच बेच दिया था। अब खबर आ रही है कि पूर्व खेल मंत्री अपने बयान से पलट गए हैं। अब उनका कहना है कि उन्हें इस बात का संदेह है और वो चाहते हैं कि मामले की जांच हो।
गौरतलब है कि पूर्व खेल मंत्री द्वारा इस आरोप को लगाए जाने के बाद मौजूदा खेल मंत्री सामने आए थे और जांच के लिए कहा। श्रीलंका सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार को पुलिस की विशेष जांच इकाई ने पूर्व खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगामगे का बयान दर्ज किया है। इस दौरान उन्होंने पुलिस टीम से कहा कि उन्हें सिर्फ फिक्सिंग का संदेह है।
पूर्व खेल मंत्री ने अपने बयान से पलटते हुए अब अपने ताजा बयान में कहा है कि, ‘मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि मेरे संदेह की जांच हो। मैंने पुलिस को उस शिकायत की प्रति दी है जो मैंने तत्कालीन खेल मंत्री के रूप में आरोपों के संदर्भ में 30 अक्टूबर 2011 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को दर्ज कराई थी।’ अलुथगामगे ने आरोप लगाया था कि उनके देश में मैच भारत को ‘बेच’ दिया था। उनके इस दावे को पूर्व कप्तानों कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने ने बकवास करार देते हुए उनसे सबूत मांगे थे। भारत ने 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए गौतम गंभीर (97) और तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (91) की पारियों की बदौलत जीत दर्ज की थी।
जब भारत ने श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था तब पूर्व खेल मंत्री मैदान पर थे। कुछ ही दिन पहले उन्होंने अपने पुराने दावों को हवा देते हुए कहा था, ‘आज मैं आपसे कह रहाै हूं कि हमने 2011 विश्व कप बेच दिया था, मैंने यह तब कहा था जब मैं खेल मंत्री था।’
2011 विश्व कप के दौरान श्रीलंका के कप्तान संगकारा ने भ्रष्टाचार रोधी जांच के लिए सबूत मुहैया कराने को कहा था। संगकारा ने ट्वीट किया, ‘उन्हें (पूर्व खेल मंत्री) अपने ‘साक्ष्य’ आईसीसी और भ्रष्टाचार रोधी एवं सुरक्षा इकाई के पास लेकर जाने की जरूरत है जिससे कि दावे की विस्तृत जांच हो सके।’ उस मैच में शतक जड़ने वाले पूर्व कप्तान जयवर्धने ने हालांकि इन आारोपों को बकवास करार दिया था। उन्होंने ट्वीट में पूछा, ‘क्या चुनाव होने वाले हैं?.... जो सर्कस शुरू हुआ है वह पसंद आया... नाम और सबूत?’
अलुथगामगे ने कहा कि उनका नजरिया है कि नतीजे को फिक्स करने में खिलाड़ी नहीं बल्कि कुछ पक्ष शामिल थे। अलुथगामगे और तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुए फाइनल में आमंत्रित किए गए थे। इन आरोपों के बाद श्रीलंका के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और तत्कालीन चयन समिति के अध्यक्ष अरविंद डिसिल्वा ने बीसीसीआई ने अपनी जांच कराने की अपील की है। डिसिल्वा ने कहा है कि ऐसी जांच में शामिल होने के लिए कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद वह भारत जाने के इच्छुक हैं।
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