करियर में दो देशों के लिए खेली क्रिकेट, 109 वनडे में कभी नहीं हुआ जीरो पर आउट 

ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट दोनों खेलने वाले कैप्लर वेसल्स के नाम वनडे क्रिकेट में अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है।

Kepler Wessels
केप्लर वेसल्स 
मुख्य बातें
  • 1982 में किया था ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू, 1991 में दक्षिण अफ्रीका के लिए मिला खेलने का मौका
  • उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले 24 और द अफ्रीका के लिए 16 टेस्ट(कुल 40)
  • 1994 में उनके संन्यास लेने के बाद से अबतक कायम हैं रिकॉर्ड

नई दिल्ली: क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक्स कई अनोखे कारनामों से भरी पड़ी है। जिनके बारे में जानकर क्रिकेट प्रेमियों की आंखें खुली रह जाती हैं। ऐसा ही एक रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान कैप्लर वेसल्स के नाम दर्ज है। साल 1991 में प्रतिबंध के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम के अहम खिलाड़ी थे। वो आधुनिक युग में दक्षिण अफ्रीका के पहले टेस्ट टीम के कप्तान थे।

ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू टेस्ट में जड़ा था शतक
दक्षिण अफ्रीका की ओर से साल 1991 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने से पहले कैप्लर वेसल्स ऑस्ट्रेलिया के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके थे। साल 1982 में वेसल्स ने ब्रिस्बेन में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। अपने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में ही शतक जड़ने का कारनामा कर दिखाया। उन्होंने अपने पहले टेस्ट की दोनों पारियों में 162 और 46 रन की पारी खेली। इसके बाद उन्हें जल्दी ही न्यूजीलैंड के खिलाफ मेलबर्न में एकदिवसीय डेब्यू करने का मौका भी मिल गया। अपनी पहली पारी में वो 79 रन बनाकर आउट हुए और शतक पूरा करने से चूक गए।
 
1983 में ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेला विश्वकप
इसके बाद वेसल्स ऑस्ट्रेलियाई टीम का अभिन्न हिस्सा बन गए। वो साल 1983 में इंग्लैंड में खेले गए वनडे विश्वकप में खेलने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम में भा शामिल थे। साल 1985 तक सबकुछ ठीक चला लेकिन कैरी पार्कर सीरीज का हिस्सा बनने के बाद उनका करियर डामाडोल हो गया और उन्हें दोबारा ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। वो इसके बाद अपने वतन दक्षिण अफ्रीका लौट गए और इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेली। 

दोनों टीमों के लिए किया धमाकेदार प्रदर्शन 
वेसल्स ने टेस्ट और वनडे क्रिकेट दोनों में अपनी छाप दोनों देशों के लिए खेलते हुए छोड़ी। ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्होंने 24 टेस्ट खेलते हुए 43 की औसत से 1761 रन बनाए। जिसमें 4 शतक और 15 अर्धशतक जड़े। वहीं द. अफ्रीका के लिए उन्होंने 16 टेस्ट खेले और 38 की औसत से 1027 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 2 शतक और 6 अर्धशतक जड़े। 

वनडे करियर में शून्य पर कभी नहीं हुए आउट
वहीं उन्होंने करियर में कुल 109 वनडे मैच खेले जिसमें 54 में वो ऑस्ट्रेलिया के लिए और 55 द. अफ्रीका के लिए विरोधी टीमों से दो-दो हाथ करते नजर आए। उन्होंने 3,367 वनडे रन में से 1740 ऑस्ट्रेलिया के लिए 54 मैच में 36.25 की औसत से 1,740 और द. अफ्रीका के लिए 32.54 की औसत से 1,627 रन बनाए। दोनों टीमों के लिए खेलते हुए अनायास ही एक रोचक कारनामा वैसल्स कर गए। वो 100 से ज्यादा वनडे मैच खेलने वाले एक ऐसे बल्लेबाज हैं जो करियर में कभी जीरों पर आउट नहीं हुआ। 

आज तक कायम है उनका स्पेशल रिकॉर्ड 
वेसल्स के उस रिकॉर्ड की बराबरी आज तक कोई भी नहीं कर सका है। साल 1994 में वेसल्स के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से अबतक 27 साल में उनके रिकॉर्ड को कोई खिलाड़ी नहीं तोड़ सका। हालांकि वनडे करियर में उनके बल्ले से एक शतक और 26 अर्धशतक निकले और उनकी गिनती अस्सी और नब्बे के दशक में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती थी। 

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