लंदनः इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज ज्योफ्री बॉयकॉट ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के खिलाड़ियों के प्रति रवैये को नरम बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय टीम की जगह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को प्राथमिकता देने वालों के पैसे काटे जाने चाहिए। बॉयकॉट हालांकि अपने कॉलम में यह लिखना भूल गये कि आईपीएल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को अपने घरेलू क्रिकेट बोर्ड को वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा देना होता है।
पिछले सप्ताह इंग्लैंड के मुख्य कोच क्रिस सिल्वरवुड ने इस बात की पुष्टि की थी कि आईपीएल में खेलने वाले इंग्लैंड के खिलाड़ी पूरे टूर्नामेंट के लिए उपलब्ध होंगे। इसका यह मतलब है कि चकाचौंध से भरी इस लीग के अंतिम चरण में पहुंचने वाली टीमों के इंग्लैंड के खिलाड़ी न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरुआती टेस्ट के लिए शायद उपलब्ध नहीं रहेंगे।
बॉयकॉट ने ‘डेली टेलीग्राफ’ में लिखा, ‘‘ इन सभी खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए अपनी पहचान बनाई है और इसके लिए उन्हें अच्छी तरह से भुगतान किया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी यह भूल जाते है कि अगर वे इंग्लैंड के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो उन्हें आईपीएल में मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इंग्लैंड के प्रति समर्पण दिखाना चाहिये और उसका कर्ज अदा करना चाहिये।’’
इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘मैं उन्हें पैसे कमाने से नहीं रोकना चाहता हूं लेकिन यह इंग्लैंड के मैच को अनदेखी कर नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने ईसीबी पर खिलाड़ियों के प्रति नरम रवैया अपनाने का आरोप लगते हुए रोटेशन नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड ने भारत में रोटेशन नीति को ठीक से लागू नहीं किया और उन्हें खिलाड़ियों के साथ नरम रवैया छोड़ना होगा। अगर खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम का साथ छोड़कर छुट्टी पर जाना चाहते है तो उनके पैसे काटे जाने चाहिये। जब तक खिलाड़ी पूरी श्रृंखला के लिए उपलब्ध होने की पुष्टि ना करे तो उनका चयन नहीं होना चाहिए।‘‘
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल