भारत के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह शनिवार को अपना 41वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 3 जुलाई, 1980 को पंजाब के जालंधर में हुआ था। हरभजन ने 1998 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था और वह 2011 तक टीम के नियमित सदस्य बने रहे। उसके बाद काफी उतार चढ़ाव-देखने को मिले। दो बार विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहा स्पिनर भारत की ओर से आखिरी बार 2016 में खेला। हरभजन ने करियर में अब तक 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश: 427, 269 और 25 विकेट चटकाए।
पिता ने कहा 'देश के लिए खेलना है'
हरभजन का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार सरदेव सिंह प्लाहा है, जो बॉल बेयरिंग और वॉल्व फैक्ट्री के मालिक थे। हरभजन पांच बहनों के साथ पले-बढ़े। वह परिवार में इकलौते बेटे हैं। हरभजन को फैमिली बिजनेस विरासत में मिला, लेकिन उनके पिता नहीं चाहते थे कि बेटा व्यवसाय संभाले। उन्होंने हरभजन से जोर देकर कहा था कि वह अपने क्रिकेट करियर पर ध्यान केंद्रित करें और भारत के लिए खेलें। हरभजन ने शुरुआत में एक बल्लेबाज के रूप में ट्रेनिंग ली थी, लेकिन फिर उन्होंने स्पिनर बनने का फैसला किया जो सही साबित हुआ। वह अब महान क्रिकेटरों से एक हैं। आइए आपको हरभजन के तीन बड़े रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं।
टेस्ट हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय
भारत-ऑस्ट्रेलिया 2001 टेस्ट सीरीज काफी ऐतिहासिक रही थी। कोलकाता टेस्ट मैच में वीवीएस लक्ष्मण के 281 रन की चर्चा अक्सर होती रहती है लेकिन हरभजन के योगदान का कम ही जिक्र देखने को मिलता है। बता दें कि हरभजन ने तीन मैचों की सीरीज में इतिहास रच डाला था और कुछ यादगार रिकॉर्ड बनाए थे। कोलकाता टेस्ट के दौरान हरभजन टेस्ट हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने। उन्होंने रिकी पॉन्टिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वार्न को आउट किया। वह सीरीज के सबसे सफल भारतीय गेंदबाज थे। उन्होंने तीन मैचों में 32 विकेट झटके।
400 टेस्ट विकेट लेकर बनाया रिकॉर्ड
हरभजन सिंह साल 2011 में टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट पूरे करने करने का कारनामा अंदाज दिया था। वह पहले भारतीय ऑफ स्पिनर थे, जो इस बड़ी कामयाबी को अपने नाम कर सका। उन्होंने यह रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था। हरभजन उस समय टीम इंडिया के स्थायी सदस्य थे और कहा जा रहा था कि वह कुंबले के 619 विकेटों के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे। हालांकि, कुछ समय बाद उनकी जगह धीरे-धीरे आर अश्विन ने ली, जिन्होंने नवंबर 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।
टी20 में 2 मेडेन करने वाले पहले भारतीय
हरभजन साल 2012 में श्रीलंका में खेले गए टी20 विश्व कप में भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लीग चरण के मैच इतिहास रचा था। भारत ने उस मैच में अश्विन को आराम दिया था। हरभजन टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में दो मेडन ओवर डालने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने थे। हरभजन ने 12 रन देकर 4 विकेट चटका थे। उनकी कातिलाना गेंदबाजी की बदौलत भारत ने इंग्लैंड को 80 रनों पर समेट दिया था। इसके चार साल बाद भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह ने टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 2 मेडन ओवर फेंके और हरभजन की लिस्ट में शामिल हो गए।
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