मुंबई: महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 24 साल के अपने करियर में अनेक उपलब्धियां व वाहवाही हासिल की है। 1989 में वनडे डेब्यू करने के बाद तेंदुलकर को विश्व कप खिताब जीतने के लिए 22 साल इंतजार करना पड़ा। महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में सचिन तेंदुलकर पांचवीं बार विश्व कप में शिरकत कर रहे थे। तेंदुलकर का सपना उनके होम ग्राउंड पर साकार हुआ जब भारत ने श्रीलंका को वानखेड़े स्टेडियम में मात देकर खिताब जीता। पूरा देश जोश और उल्लास से इस जीत का जश्न मना रहा था। जल्द ही भारतीय ड्रेसिंग रूम में भी जश्न मनना शुरू हुआ।
विश्व कप विजेता टीम के सदस्य हरभजन सिंह ने उस पल को याद करते हुए बताया कि उन्हें महान सचिन तेंदुलकर का एक ऐसा अवतार देखा था, जो पहले कभी नहीं देखा था। सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजलि के साथ डांस कर रहे थे। हरभजन ने एक चैट शो पर कहा, 'मैंने सचिन तेंदुलकर को बल्लेबाजी करने के अलावा कुछ ऐसा अलग करते हुए नहीं देखा। मगर उस रात मैंने उन्हें डांस करते हुए देखा। उन्होंने अंजलि भाभी के साथ 'डार्लिंग आंखों से आंखें चार करने दो' पर डांस किया था। उन्हें एकसाथ देखकर अच्छा लगा कि इस पल का पूरा आनंद उठा रहे थे। यह सचिन तेंदुलकर का सपना था कि विश्व कप खिताब जीतना है।'
नेहरा से सचिन की वो बातचीत...
आशीष नेहरा उंगली में चोट के कारण फाइनल मुकाबले में नहीं खेल सके थे। उन्होंने बताया कि तेंदुलकर ने उन्हें पार्टी आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। नेहरा ने कहा, 'सेमीफाइनल में मेरी उंगली में चोट लगी थी। तो मैं ही वो था, जिसने पार्टी आयोजित की थी। बाकी लोग मैच में व्यस्त थे तो सचिन ने मुझे कहा, 'तुम पार्टी आयोजित करने की कोशिश करना।' मुझे पर बाहर बैठने के कारण पार्टी आयोजित कराने की जिम्मेदारी थी। मैं पहला शख्य था, जिसने आयोजन किया। होटल का एक सूट और बैंक्वेट हॉल बुक किया था। सभी लोग अपने कमरे में तैयार होने गए थे क्योंकि मैच से थके हुए लौटे थे। मुझे सब अरेंज करने में करीब आधा घंटा से 40 मिनट लगे थे। फिर मैंने सभी को मैसेज किए सब तैयार हो गए तो आ जाओ।'
भारत ने सबसे पहले 1983 में वेस्टइंडीज को मात देकर पहली बार विश्व कप खिताब जीता था। इसके बाद धोनी के नेतृत्व में भारत ने 28 साल का सूखा खत्म करते हुए दूसरी बार विश्व कप का खिताब जीता। धोनी एकमात्र कप्तान बने थे, जिन्होंने टी20 और वनडे विश्व कप का खिताब बतौर कप्तान जीता। भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने सचिन तेंदुलकर को अपने कंधें पर बैठाकर पूरे मैदान का चक्कर लगाया था, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे खास लम्हों में से एक है। तेंदुलकर ने 2011 विश्व कप में 9 मैचों में 53.56 की औसत से 482 रन बनाए थे। मुंबई के बल्लेबाज भारत की तरफ से सबसे ज्यादा जबकि टूर्नामेंट के दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर थे।
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