हरभजन सिंह का शुमार भारत के सबसे बेहतरीन स्पिनरों में होता है। उन्होंने 24 साल तक धमाल मचाने के बाद दिसंबर 2021 में क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया। वह भारतीय टीम के कई यादगार पलों का हिस्सा रहे, जिनमें 2011 वनडे विश्व कप का चैंपियन बनना भी है। उन्होंने अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे और अनेक विवादों का भी सामना किया। उनकी साथी खिलाड़ियों से बॉन्डिंग और अनबन की भी खूब चर्चा रही।
रिटायरमेंट के समय हरभजन ने 2011 विश्व कप के बाद लंबे अरसे तक टीम से बाहर किए जाने पर नाराजगी का इजहार किया था। उन्होंने कहा था कि महेंद्र सिंह धोनी से इस बारे में पूछा था पर कोई कारण नहीं बताया गया। हरभजन के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर कहा गया कि धोनी ने दिग्गज स्पिनर के करियर को खत्म किया। हालांकि, अब हरभजन ने स्पष्ट किया है कि उनकी धोनी से कोई तकरार नहीं है बल्कि वह बीसीसीआई चयनकर्ताओं से खफा थे।
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हरभजन ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझे धोनी से बिलकुल भी शिकायत नहीं है। हम तो इतने वर्षों से एक अच्छे दोस्त रहे हैं। मुझे उस समय की सरकार बीसीसीआई से शिकायत है। मैं बीसीसीआई को सरकार कहता हूं। उस समय के चयनकर्ताओं ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय नहीं किया। उन्होंने टीम को एकजुट नहीं होने दिया।' हरभजन भारतीय जर्सी में आखिरी बार मार्च 2016 में मैदान पर उतरे थे।
हरभजन ने आगे कहा, 'हर कोई एक ही बात की अलग-अलग व्याख्या करता है। मैं केवल यह बताना चाहता था कि 2012 के बाद बहुत सी चीजें बेहतर हो सकती थीं। वीरेंद्र सहवाग, मैं, युवराज सिंह, गौतम गंभीर भारतीय टीम के लिए खेलकर संन्यास ले सकते थे, क्योंकि हम सभी आईपीएल में एक्टिव थे। यह विडंबना ही है कि 2011 की चैंपियंस टीम फिर कभी एक साथ नहीं खेल लकी। क्यों? उनमें से कुछ ही 2015 विश्व कप में खेले, क्यों?'
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