नई दिल्लीः दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट ने दुनिया को कई महान खिलाड़ी दिए। केप्लर वेसल्स से लेकर एबी डीविलियर्स तक, लांस क्लूसर से लेकर मार्क बाउचर तक..तमाम ऐसे खिलाड़ी आते और जाते रहे जिन्होंने दक्षिण अफ्रीकी टीम का नाम रोशन किया। इसी टीम ने एक ऐसा खिलाड़ी भी देखा जिसने अपने करियर में ऐसी-ऐसी उपबल्धियां हासिल कीं जिनके सपने तमाम क्रिकेटर देखा करते हैं लेकिन फिर भी इस बल्लेबाज को वो लाइमलाइट और तवज्जो नहीं दी गई जिसके वो हकदार रहे। आज उनका जन्मदिन है, आइए जानते हैं हाशिम अमला (Hashim Amla) के बारे में जिन्होंने मैदान पर और पर्दे के पीछे काफी कुछ झेला, फिर भी वो शांत रहे और बल्ला रिकॉर्ड उगलता रहा।
आज हाशिम अमला पूरे 38 वर्ष के हो गए हैं। उनका जन्म डरबन (दक्षिण अफ्रीका) में 31 मार्च 1983 को हुआ था। स्कूल के दिनों से क्रिकेटर बनने का सपना देखा और युवा क्रिकेट सर्किट से घरेलू क्रिकेट में जलवा बिखेरते हुए वो 2004 में शीर्ष स्तर यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचे। नवंबर 2004 में भारत के खिलाफ उन्होंने टेस्ट मैच खेलते हुए उन्होंने अपने करियर का आगाज किया और फिर 15 साल तक जमकर बल्लेबाजी करते रहे।
करियर के ये आंकड़े सब कुछ बयां करते हैं
हाशिम अमला के आंकड़े साबित करते हैं कि जब उन्होंने 2019 में क्रिकेट को अलविदा कहा तब दुनिया के तमाम दिग्गजों ने उनको मॉर्डन क्रिकेट का महान खिलाड़ी क्यों करार दिया। हाशिम अमला ने 2004 से 2019 के बीच 124 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 28 शतक और 41 अर्धशतक जड़ते हुए 46.64 की औसत से 9282 रन बनाए। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 181 मैच खेले और यहां 27 शतक और 39 अर्धशतक जड़कर 49.46 की औसत से 8113 रन बनाए। टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके बल्ले से 44 मैचों में 1277 रन निकले।
कमेंट्री के दौरान जोन्स की आपत्तिजनक टिप्पणी, कहा आतंकी
हाल ही में दिल का दौरा पड़ने से अपनी जान गंवाने वाले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ने अगस्त 2006 में कमेंट्री के दौरान कुछ ऐसा कह दिया जिसने सबको हिलाकर रख दिया था। दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के बीच मैच के दौरान जब हाशिम अमला ने एक विकेट झटका तो लाइव कमेंट्री में डीन जोन्स कहते सुने गए कि, "आतंकवादी को एक और विकेट मिल गया।"
वो कमेंट्री पूरी दुनिया में टेलीकास्ट हुई और करोड़ों क्रिकेट फैंस ने इसे सुना। हर जगह इसकी चर्चा शुरू हुई और डीन जोन्स के बेतुके बहाने भी काम नहीं आए जिसमें उन्होंने कहा कि- उनको लगा था कि उस समय विज्ञापन चल रहे थे, वर्ना उनका इरादा ऐसा बोलकर सबका दिल दुखाने का नहीं था। ब्रॉडकास्टर ने उनकी अनुबंध तुरंत रद्द कर दिया। जोन्स ने उसके बाद कई बार हाशिम अमला से उस बात को लेकर माफी भी मांगी लेकिन जो आपत्तिजनक टिप्पणी वो कर चुके थे, वो माफी के लायक नहीं थी। यही वजह थी कि दुनिया भर के दिग्गजों ने जोन्स की आलोचना की।
वो शांत रहा..और रिकॉर्ड पे रिकॉर्ड पे रिकॉर्ड बनाता रहा
हाशिम अमला उन खिलाड़ियों में शुमार रहे जो कम बोलते थे और उनका बल्ला ज्यादा बोलता था। कभी उनकी धीमी बल्लेबाजी को लेकर तो कभी किसी अन्य चीज को लेकर उनकी आलोचनाएं होती रहीं लेकिन इस बल्लेबाज पर कभी किसी प्रकार का दबाव या जुबानी जंग करने की इच्छा नहीं दिखाई दिया। वो अपने बल्ले से जवाब देते रहे और रिकॉर्ड बनाते रहे। उनके ये कुछ रिकॉर्ड्स उनकी काबीलियत को बयां करते हैं।
कम ही लोग इस बात से वाकिफ हैं कि हाशिम अमला के भाई अहमद अमला भी एक शानदार क्रिकेटर थे, हालांकि उनको देश की तरफ से खेलना का मौका नहीं मिल सका लेकिन भाई के जरिए उनके परिवार का सपना जरूर पूरा हुआ।
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