कोलकाता: भारत के लिए खेल चुके 'छोटे दादा' के नाम से मशहूर मनोज तिवारी( Manoj Tiwari) ने कई साल बाद अपने दिल की बात सबके सामने रखी है। तिवारी ने टीम इंडिया के लिए शतक बनाने के बावजूद टीम से बाहर किए जाने का दर्द साझा करते हुए कहा कि उन्होंने खुद को टीम से बाहर किए जाने के संबंध में धोनी से कभी सवाल नहीं किया।
इस बारे में बात करते हुए मनोज ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने देश के लिए 100 रन बनाने और मैन ऑफ द मैच लेने के बाद मैं अगले 14 मैचों तक अंतिम ग्यारह में नहीं आऊंगा। लेकिन मैं इस बात का भी सम्मान करता हूं कि कप्तान, कोच और टीम प्रबंधन के भी अपने विचार होते हैं। एक खिलाड़ी के तौर पर हमें उनके फैसलों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि उनकी अलग रणनीति हो।
नहीं थी माही के पास जाने की हिम्मत
एक इंटरव्यू के दौरान मनोज ने कहा, मुझे उस समय मौका नहीं मिला या यूं कहें कि मुझमें माही के पास जाने की हिम्मत नहीं थी, क्योंकि हम अपने सीनियरों का इतना सम्मान करते थे कि हम उनसे सवाल करने से बचते थे। इसलिए मैंने अभी तक उनसे सवाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब वह राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स में धोनी के साथ खेल रहे थे, तब उन्होंने कप्तान से यह सवाल पूछने के बारे में सोचा था, लेकिन वह आईपीएल के दबाव को देखकर रुक गए। उन्होंने कहा, मैंने सोचा था कि बाद में कभी पूछूंगा।
ऐसा रहा टीम इंडिया के साथ तिवारी का सफर
साल 2008 में ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले मनोज तिवारी ने भारत के लिए कुल 12 वनडे और 8 अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच खेले हैं। साल 2015 में वो आखिरी बार टीम इंडिया की जर्सी में नजर आए थे। जिंबाब्वे के खिलाफ हरारे में उन्होंने भारत के लिए वनडे मैच खेला था। 12 वनडे में तिवारी ने 26.09 की औसत और 71.21 के स्ट्राइक रेट से 287 रन बनाए। वहीं 3 टी20 में वो 15 की औसत से कुल 15 रन बना सके।
विंडीज के खिलाफ 2011 में जड़ा था शतक
साल 2011 में तिवारी ने चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ 126 गेंद में 104 रन की नाबाद पारी खेली थी। इस पारी के दौरान उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम को खराब शुरुआत से उबारा था और विराट कोहली के साथ चौथे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी(117*) की थी। इसके बाद मिले छह मौकों में वो केवल एक अर्धशतक(65) श्रीलंका के खिलाफ पल्लीकेल में जड़ सके।
अय्यर-पृथ्वी हैं भविष्य के सितारे
मनोज ने मुंबई के पृथ्वी शॉ और श्रेयस अय्यर को भविष्य का सितारा बताया है। उन्होंने कहा, अय्यर अगर कुछ मैचों में अच्छा नहीं भी करते हैं तो वह रहेंगे। उनके अलावा मैं शॉ को देखता हूं, अगर वह शांत रहकर आगे बढ़ते हैं और अनुशासन में रहते हैं तो निश्चित तौर पर वह काफी आगे जाएंगे।
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