नासिर हुसैन ने कहा 'दादा'ने टीम इंडिया को बनाया मजबूत, लेकिन इस बात के लिए थी उनसे नफरत 

I hated Sourav Ganguly says Nasser Hussain: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने सौरव गांगुली की जमकर तारीफ करते हुए कहा है कि वो उनसे इस वजह से नफरत करते थे।

Nasser Hussain sourav Ganguly
Nasser Hussain sourav Ganguly  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली: इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने साल 2002 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले को याद करते हुए सौरव गांगुली की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि 'दादा' ने भारतीय टीम को मजबूत बनाया। वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज इयान बिशप और एल्मा स्मिथ के साथ चर्चा करते हुए हुसैन ने नेटवेस्ट ट्रॉफी 2002 के फाइनल मुकाबले के बारे में भी बात की। 

हुसैन ने कहा, भारत के खिलाफ खेला गया नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल जिन मैचों में मैं खेला उनमें सबसे अधिक पसंदीदा और सबसे कम पसंदीदा है। वो हमारी पीढ़ी में खेले गए वनडे क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक था। भारतीय टीम लंबे समय से नहीं पहुंच पा रही थी और ऐसा लग रहा था कि वो फाइनल मुकाबला गंवा देगी।'

हुसैन ने आईसीसी के पोडकास्ट में आगे कहा, मुझे गांगुली के खिलाफ खेलने में बहुत मजा आया। गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को मजबूत बनाया। गांगुली से पहले वो अच्छे खिलाड़ियों का समूह थे लेकिन गांगुली ने उस टीम को मजबूत और दृढ़निश्चय वाली टीम में तब्दील किया। जब उन्होंने फाइनल में अपनी शर्ट उतारी तो वो गांगुली की पहचान बन गया। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।'

कराते थे टॉस के लिए इंतजार 
हुसैन ने कहा है कि भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली हर बार उन्हें टॉस के लिए इंतजार कराते थे। उन्होंने कहा, गांगुली की टीम के खिलाफ खेलना, आप जानते हो कि आप लड़ाई लड़ रहे हो। आप जानते हो कि गांगुली भारतीय प्रशंसकों के जुनून को समझते हैं और यह क्रिकेट के एक मैच मात्र नहीं है। यह क्रिकेट के खेल से कहीं ज्यादा है। वो काफी शक्तिशाली थे और इसी तरह के क्रिकेटर चुनते थे। लेकिन इसके बाद भी आप मैच के बाद उनसे मिलते तो वो बड़े अच्छे से पेश आते थे। सौरव इसी तरह थे।'

हुसैन ने कहा, जब मैं गांगुली के खिलाफ खेलता था तो उनसे नफरत करता था क्योंकि वह मुझे हर बार टॉस के लिए इंतजार कराते थे। मैं कहता था गांगुली 10:30 बज गए हैं हमें टॉस के लिए जाना है। अब मैं एक दशक से उनके साथ कॉमेंट्री को लेकर काम कर रहा हूं। वो शानदार इंसान हैं, शांत रहते हैं लेकिन अभी भी कॉमेंट्री के लिए देर करते हैं। 

नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में भारत को जीत के लिए 326 रन का लक्ष्य मिला था। लेकिन भारत ने 146 रन के स्कोर पर 5 विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने 121 रन की साझेदारी करके टीम को 2 विकेट से जीत दिलाई थी।  
 

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