पुरुष टी20 विश्व कप 2021 का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ओमान में होना है। यह टूर्नामेंट 17 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच खेला जाएगा। विश्व कप के आगाज से पहले इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने एक जबरदस्त नियम के इस्तेमाल को लेकर बड़ा ऐलान किया है, जिससे कप्तानों को स्पेशल पावर मिलेगी। दरअसल, यह नियम डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) है, जो अंपायर द्वारा फैसला देने में हुई चूक को सुधारने में मददगार साबित होगा। बता दें कि पुरुष टी20 विश्व कप में पहली बार डीआरएस का उपयोग किया जाएगा।
हर पारी में डीआरएस के दो मौके मिलेंगे
ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी ने टूर्नामेंट में डीआरएस के इस्तेमाल को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। हर टीम को प्रत्येक पारी में डीआरएस के दो मौके मिलेंगे। इससे पहले टी20 विश्व कप में कभी डीआरएस का उपयोग नहीं किया गया। आखिरी बार जब 2016 में टी20 विश्व कप खेला गया था तब इस फॉर्मेट में डीआरएस का उपयोग नहीं किया जाता था। डीआरएस का किसी आईसीसी टी20 टूर्नामेंट में पहली बार वेस्टइंडीज में खेले गए महिला टी20 विश्व कप 2018 में उपयोग किया गया था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में 2020 में खेले गए महिला टी20 विश्व कप में भी इसका इस्तेमाल किया गया।
डिसीजन रिव्यू सिस्टम का इतिहास
गौरतलब है कि डीआरएस का उपयोग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे पहले साल 2008 में भारत और श्रीलंका के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान हुआ था। पूर्व दिग्गज स्पिनर और कैप्टन अनिल कुंबले इसका इस्तेमाल करने वाले पहले कप्तान थे। कुंबले ने हरभजन सिंह की मलिंदा वर्णपुरा के खिलाफ एलबीडब्ल्यू अपील को ठुकराए जाने के बाद डीआरएस लिया था। हालांकि, रिप्ले में पता चला कि मैदानी अंपायर का फैसला सही था। वहीं, वनडे क्रिकेट और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में डीआरएस का इस्तेमाल क्रमश: साल 2011 और 2017 से शुरू हुआ था।
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