लंदन: इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में आक्रामक रुख अख्तियार करने का भारत को फायदा हुआ, लेकिन मंगलवार से शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे सीरीज में बल्लेबाज पहली गेंद से ही बड़ा शॉट लगाने से बचेंगे। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का मानना है कि टीम को अपने आक्रामक रूख को बनाये रखना चाहिये।
इंग्लैंड ने पिछले कुछ वर्षों में अपने आक्रामक खेल से वनडे क्रिकेट खेलने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। टीम को इसका फायदा 2019 विश्व कप खिताब के साथ मिला था। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की टी20 प्रारूप में भारत का रूख इंग्लैंड से प्रेरित है। इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप को देखते हुए रोहित ने कहा कि सफेद गेंद के प्रारूप में टीम का हर मैच अब अहम होगा।
उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय के बाद कहा, 'हमारे लिए सभी मैच अहम हैं। हम यह सोचकर नहीं खेल सकते कि वनडे प्राथमिकता नहीं है, लेकिन हमें प्रत्येक खिलाड़ी के कार्यभार को ध्यान में रखना होगा। हम कुछ बदलाव करेंगे, लेकिन हमारा लक्ष्य मैच जीतना है। अब 50 ओवर के मैच को टी20 का विस्तारित प्रारूप माना जाता है।'
भारतीय टीम का ओवल में वैकल्पिक प्रशिक्षण सत्र होगा, जिसमें टी20 से वनडे सीरीज में हुए बदलाव से सामंजस्य बैठाने पर जोर देना होगा। यह सीरीज सिर्फ वनडे प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे शिखर धवन जैसे खिलाड़ी के लिए काफी अहम होगी क्योंकि आगामी वेस्टइंडीज दौरे पर उन्हें टीम का नेतृत्व करना है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीमित मौके मिलने के बाद भी बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। धवन एकदिवसीय खेलें या इंडियन प्रीमियर लीग उनके बल्ले से लगातार रन निकल रहे हैं।
भारतीय प्रशंसकों को हालांकि विराट कोहली के लय में लौटने का इंतजार है। इस दौरे पर टेस्ट और टी20 में उनके बल्ले से रन नहीं निकले। टीम के नये रूख को देखते हुए उन पर पहली ही गेंद से रन बनाने का दबाव होगा। वनडे प्रारूप होने से हालांकि लय हासिल करने का उनके पास थोड़ा अधिक समय होगा। रविवार को टी20 मैच में छह गेंद की पारी में उन्होंने शानदार चौका और छक्का जड़ा, लेकिन ज्यादा आक्रामक रूख अपनाने का खामियाजा भुगतना पड़ा।
इयोन मोर्गन के संन्यास के बाद इंग्लैंड के पूर्णकालिक कप्तान के तौर पर जोस बटलर की यह पहली वनडे सीरीज होगी। टीम टी20 सीरीज की निराशा को यहां दूर करना चाहेगी। खुद कप्तान भी खराब प्रदर्शन को पीछे छोड़कर लय हासिल करना चाहेंगे। टीम को हालांकि बेन स्टोक्स, जो रूट और जॉनी बेयरस्टो जैसे दिग्गजों के आने से काफी मजबूती मिलेगी।
टीमें:
इंग्लैंड : जोस बटलर (कप्तान), मोइन अली, जोनाथन बेयरस्टो, हैरी ब्रुक, ब्रायडन कार्स, सैम करन, लियाम लिविंगस्टोन, क्रेग ओवरटन, मैट पार्किंसन, जो रूट, जेसन रॉय, फिल सॉल्ट, बेन स्टोक्स, रीस टॉपले, डेविड विली।
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शिखर धवन, ईशान किशन, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद शमी , मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह।
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