बर्मिंघम: भारतीय टीम मंगलवार को इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेले गए पुननिर्धारित पांचवें टेस्ट में 377 रन के लक्ष्य का पीछा करने में नाकाम रही। यह टेस्ट इतिहास में पहला मौका है जब भारतीय टीम 350 से ज्यादा के स्कोर की रक्षा नहीं कर सकी। जसप्रीत बुमराह का बतौर टेस्ट कप्तान डेब्यू निराशाजनक रहा। इंग्लैंड ने 5 मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर की। भारतीय टीम 2007 के बाद पहली बार पटौदी ट्रॉफी जीतने में कामयाब नहीं रही।
ध्यान देने वाली बात है कि भारत के खिलाफ टेस्ट इतिहास में पहली बार किसी टीम ने 377 रन के लक्ष्य का सफल पीछा किया। इंग्लैंड ने टेस्ट मैच के पांचवें दिन दो सेशन से ज्यादा समय शेष रहते हुए सात विकेट से मैच जीता। इंग्लैंड ने 76.4 ओवर में 378 रन के लक्ष्य का पीछा किया। जॉनी बेयरस्टो (114*) और जो रूट (142*) ने भारतीय गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते हुए 269 रन की अविजित साझेदारी की। दोनों ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
ध्यान देने वाली बात है कि टेस्ट क्रिकेट इतिहास में 378 रन का लक्ष्य आठवां सर्वश्रेष्ठ सफल रन चेज है। बर्मिंघम में हार के साथ भारत ने सेना देशों में लगातार तीन टेस्ट मैच हारे। इस साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत को लगातार दो टेस्ट मैचों में शिकस्त मिली थी।
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