कानपुर में खेला गया भारत-न्यूजीलैंड पहला टेस्ट बेहद कड़ा मुकाबला और अंत में बेहद रोमांचक मैच साबित हुआ। मेजबान टीम इंडिया को दिन के अंतिम क्षणों में जीत के लिए सिर्फ एक विकेट चाहिए था लेकिन इत्तेफाक से न्यूजीलैंड के लिए पहली बार टेस्ट मैच खेल रहे दो भारतीय मूल के खिलाड़ियों ने ही टीम इंडिया के इरादों पर पानी फेर दिया। दोनों ने वो कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।
जीत के लिये 284 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड टीम ने नौ विकेट पर 165 रन बनाये। भारत ने पहली पारी में 345 रन बनाये थे जबकि दूसरी पारी सात विकेट पर 234 रन पर घोषित की थी। न्यूजीलैंड की टीम पहली पारी में 296 रन पर आउट हुई थी।
पांचवें और आखिरी दिन पहले सत्र में जहां कीवी बल्लेबाजों का दबदबा रहा तो दूसरे सत्र में भारत ने तीन विकेट लेकर वापसी की। रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने क्रमश: तीन और चार विकेट लेकर भारत की जीत लगभग तय कर ही दी थी लेकिन अंत में रविंद्र और ऐजाज ने पिच पर ऐसा खूंटा गाड़ा कि मेजबान टीम के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
न्यूजीलैंड का नौवां विकेट 155 के स्कोर पर 90वें ओवर में गिरा और उसके बाद भी आठ ओवर खेले जाने बाकी थे। भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे ने काफी आक्रामक फील्ड भी लगाई लेकिन रविंद्र (18) ने 91 गेंद और ऐजाज (दो) ने 23 गेंद खेलकर मैच को ड्रॉ की ओर धकेल दिया। इन दोनों भारतीय मूल के कीवी खिलाड़ियों ने 52 गेंदों तक बल्लेबाजी की और अंतिम विकेट नहीं जाने दिया। भारत को आखिरी सत्र में छह विकेट की जरूरत थी लेकिन एक अदद विकेट आखिर में नहीं मिल सका और जीत हाथ से फिसल गई।
रचिन रविंद्र और ऐजाज पटेल, न्यूजीलैंड के ये दोनों खिलाड़ी भारतीय मूल के हैं और अपने भारत के पहले दौरे पर ही ये दोनों रोमांचक अंदाज में स्टार बन गए। 22 वर्षीय रचिन के माता-पिता भारत से ही हैं लेकिन वे सालों पहले न्यूजीलैंड चले गए थे और बेटे का जन्म वेलिंग्टन में हुआ। रचिन का नाम राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के नाम मिलाकर रखा गया था। वो एक बैटिंग ऑलराउंडर हैं। वहीं ऐजाज पटेल का जन्म 1988 में मुंबई में हुआ था। उनका परिवार 1996 में न्यूजीलैंड में जाकर बस गया था। वो न्यूजीलैंड की टीम से खेलने वाले भारतीय मूल के पांचवें खिलाड़ी बने।
पहले सत्र में विल समरविले और टॉम लैथम ने भारतीय गेंदबाजों को कोई सफलता हाथ नहीं लगने दी लेकिन दूसरा सत्र भारतीय गेंदबाजों के नाम रहा जिन्होंने तीन विकेट चटकाये । उमेश यादव ने लंच के ठीक बाद समरविले को शॉर्ट गेंद पर आउट किया जिन्होंने 110 गेंद में 36 रन बनाये। शुभमन गिल ने लांग लेग सीमा पर उनका कैच लपका।
विलियमसन पहली पारी की तुलना में आत्मविश्वास से भरे दिखे जिन्होंने ईशांत शर्मा को चौका भी जड़ा। ईशांत का फॉर्म फिर निराशाजनक रहा। रॉस टेलर को चाय से पहले रविंद्र जडेजा ने आउट किया । टॉम लैथम (146 गेंद में 52 रन) ने एक और अर्धशतक बनाया जो अश्विन की गेंद पर आउट हुए ।
अश्विन का यह 80वें टेस्ट में 418वां विकेट था जिन्होंने हरभजन को पछाड़ा । हरभजन के 103 टेस्ट में 417 विकेट हैं। आखिरी सत्र में जडेजा ने न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन (24) को पगबाधा आउट करके भारत की उम्मीदें बंधाई ।उन्होंने जैमीसन (पांच) और साउथी (चार) को भी पवेलियन भेजा ।
सुबह भारतीय गेंदबाजों को पिच से कोई मदद नहीं मिली । जडेजा की एक गेंद पर लैथम चकमा जरूर खा गए । आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर भारत ने डीआरएस लिया लेकिन रिव्यू से साफ था कि गेंद विकेट पर नहीं पड़ रही थी। ईशांत शर्मा और उमेश यादव भी इस पिच पर टिम साउथी और काइल जैमीसन जैसी गेंदबाजी नहीं कर सके । ईशांत पहले स्पैल में बिल्कुल लय में नजर नहीं आये । उन्होंने और उमेश ने शॉर्ट गेंदें भी डाली लेकिन समरविले विचलित नहीं हुए । आम तौर पर दसवें नंबर पर उतरने वाले समरविले ने उमेश को तीन चौके भी जड़े जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा। पहली पारी में शतक से पांच रन से चूके लैथम ने स्पिनरों के खिलाफ रक्षात्मक खेल दिखाया लेकिन जडेजा को एक चौका भी जड़ा।
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