कोलकाता: भारत के युवा क्रिकेट प्रेमियों ने भले ही सत्तर और अस्सी के दशक में कैरेबियाई तेज गेंजबाजों को कहर परपाते नहीं देखा होगा। लेकिन वर्तमान में भारतीय तेज गेंदबाज जैसी गेंदबाजी कर रहे हैं उसे देखकर उनकी खौफनाक गेंदबाजी का अंदाजा तो लगा सकते हैं। दुनियाभर के कई पूर्व दिग्गज क्रिकेट मौजूदा भारतीय पेस अटैक की तुलना अस्सी के दशक के कैरेबियाई गेंदबाजों से कर चुके हैं जिसमें मैलकम मार्शल, एंटी रॉबर्ट्स, माइकल होल्डिंग जैसे खिलाड़ी शामिल थे। कुछ वैसा ही प्रदर्शन मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार कर रहे हैं।
इन गेंदबाजों में से जिस किसी को भी टेस्ट क्रिकेट में मौका मिलता है वो खुद को साबित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता है। भारत की बेजान पिचों पर भी भारतीय पेस बैटरी लगातार कहर ढा रही है। विरोधी टीम के ओपनर्स के लिए तो घरेलू सरजमीं पर ये सभी गेंदबाज काल बन गए हैं। यदि भारत के खिलाफ भारत में खेले गए टेस्ट मैचों में मेहमान टीम के ओपनिंग बल्लेबाजों के पिछले 25 पारियों में प्रदर्शन पर नजर डालें तो आपको भी टीम के तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन पर गर्व महसूस होगा।
भारत में पिछली 25 टेस्ट पारियों में किसी भी टीम के ओपनिंग बैट्समैन धमाका नहीं कर सके हैं। इन 25 पारियों में विरोधी टीम पहले विकेट लिए अधिकतम 32 रन ही जोड़ सकी। यदि इन आंकड़ों पर और बारीकी से नजर डाली जाए तो मालूम होता है कि 11 बार विरोधी टीम ने दो अंक के आंकड़े तक पहुंचने से पहले ही पहला विकेट गंवा दिया जिसमें 6 बार तो टीम का खाता भी नहीं खुल सका। पिछली 25 पारियों में पहले विकेट के लिए ओपनर्स केवल एक बार आठ ओवर से ज्यादा समय तक पिच पर टिकने में सफल रहे हैं।
यदि जनवरी 2018 के बाद के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो भारतीय गेंदबाज विकेट लेने के मामले में बेहद सफल रहे हैं। पिछले 23 महीने में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले 10 गेंदबाजों में 4 भारतीय हैं जिसमें से तीन तेज गेंदबाज हैं। पिछले 2 साल में ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस ने सबसे ज्यादा 91 विकेट लिए हैं। वहीं इस सूची में दूसरे पायदान पर काबिज मोहम्मद शमी ने 80 विकेट झटके हैं। उनके अलावा छठे पायदान पर काबिज शमी ने 66 और जसप्रीत बुमराह ने 62 विकेट चटकाए हैं।
भारतीय टीम को विराट कोहली की कप्तानी में दुनियाभर में मिली सफलता का श्रेय तेज गेंदबाजों को ही जाता है। बल्लेबाजी को हमेशा से टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत माना जाता रहा है। लेकिन पहली बार भारतीय गेंदबाजी आक्रमण दुनिया में सबसे सर्वश्रेष्ठ बनकर उभरा है। ऐसे में ये खिलाड़ी अपनी आग उगलती गेंदों से सफलता की कौन सी कहानी लिखेंगे ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन एक बात तो निश्चित है कि टीम इंडिया की मौजूदा पेस बैटरी की मिसालें आने वाले कई सालों में दुनियाभर में जरूर दी जाएगी।
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