लीड्स: टीम इंडिया को शनिवार को इंग्लैंड के हाथों तीसरे व अंतिम टेस्ट में एक पारी और 76 रन की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। भारतीय टीम के लिए यह हार शर्मनाक इसलिए रही क्योंकि उसे 54 साल में पहली बार लीड्स में टेस्ट शिकस्त मिली। इससे पहले 1967 में आखिरी बार भारतीय टीम को लीड्स में शिकस्त मिली थी। इसी के साथ इंग्लैंड ने पांच मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है। याद दिला दें कि नॉटिंघम में खेला गया पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था जबकि दूसरा टेस्ट भारत ने 151 रन से जीता था।
टीम इंडिया ने तीसरे दिन जिस तरह इंग्लैंड को चुनौती दी थी, उससे लग रहा था कि विराट कोहली की टीम कुछ करिश्मा जरूर करके दिखाएगी। याद दिला दें कि टीम इंडिया की पहली पारी 78 रन के जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी 432 रन पर ऑलआउट हुई थी। इस तरह मेजमान टीम ने पहली पारी के आधार पर 354 रन की बढ़त बनाई थी। फिर भारत ने तीसरे दिन स्टंप्स तक 2 विकेट के नुकसान पर 215 रन बना लिए थे। तब भारतीय फैंस की उम्मीदें जागी कि कोहली सेना कुछ कमाल करके दिखाएगी।
हालांकि, चौथे दिन भारतीय बल्लेबाजों ने काफी निराश किया और पूरी टीम लंच से पहले ही 278 रन बनाकर ऑलआउट हुई। टीम इंडिया को सबसे पहले झटका चेतेश्वर पुजारा (91) के रूप में लगा, जो कल के स्कोर में कोई इजाफा नहीं कर पाए और ओली रोबिंसन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए।
इसके बाद कप्तान विराट कोहली (55) और अजिंक्य रहाणे (10) ने कुछ समय क्रीज पर बिताया। कप्तान कोहली ने इस बीच अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन फिर रोबिंसन की गेंद पर स्लिप में रूट को कैच थमाकर वह पवेलियन लौट गए। यहां से अगले 54 मिनट में भारतीय टीम तो मैच ही हार गई। इंग्लैंड की तरफ से ओली रोबिंसन ने सबसे ज्यादा पांच विकेट लिए। क्रेग ओवर्टन को तीन विकेट मिले। जेमस एंडरसन और मोइन अली को एक-एक सफलता मिली।
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