नई दिल्ली: भारतीय टीम का उद्घाटन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल जीतने का सपना चकनाचूर हो गया। विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम को बुधवार को न्यूजीलैंड के हाथों साउथैम्प्टन में 8 विकेट की शिकस्त झेलनी पड़ी। टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने एक बार फिर गैर जिम्मेदाराना प्रदर्शन किया और फिर गेंदबाज भी प्रभाव नहीं छोड़ सके। इसी का खामियाजा भारतीय टीम को भुगतना पड़ा, जो ट्रॉफी से हाथ धो बैठी। इस हार के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टीम में बदलाव के संकेत दिए हैं।
मैच के बाद विराट कोहली ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ऐसे खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा, जिनमें आत्मविश्वास हो और वह टीम को जीत दिला सके। कोहली के इस बयान से टीम के कई खिलाड़ियों को संकेत मिल चुका है कि उनका समय पूरा हो गया है। डब्ल्यूटीसी फाइनल हारने के बाद अब इन तीन खिलाड़ियों की जगह पर संकट मंडराने लगा है। इनमें से जिसको भी अपनी जगह टीम में स्थायी रखनी है, उसे अपना पूरा जोर लगाते हुए शानदार प्रदर्शन करना होगा।
चेतेश्वर पुजारा - टीम इंडिया की नई दीवार के नाम से मशहूर चेतेश्वर पुजारा डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहली और दूसरी पारी में क्रमश: 8 और 15 रन बना सके। पुजारा कई बार धीमी पारी खेलने के कारण आलोचकों के निशाने पर आए हैं। पुजारा ने अपना आखिरी टेस्ट शतक 3 जनवरी 2019 को जमाया था, जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में 193 रन की पारी खेली थी। इसके बाद से 31 पारियों में पुजारा एक भी शतक नहीं जमा सके हैं। 33 साल के बल्लेबाज अगर इंग्लैंड में भी फ्लॉप रहे, तो इनका विकल्प खोजने की तैयारी की जा सकती है। चेतेश्वर पुजारा की साख दांव पर लगी है।
अजिंक्य रहाणे - भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे भी मिडिल ऑर्डर में कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। 33 साल के बल्लेबाज ने डब्ल्यूटीसी फाइनल की पहली और दूसरी पारी में क्रमश: 49 और 15 रन बनाए। रहाणे का मिडिल ऑर्डर में अनिंरतर प्रदर्शन टीम के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। पिछले काफी समय से रहाणे की जगह पर सवाल मंडराते रहे हैं। रहाणे ने हाल ही में संपन्न ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शतक जमाया था। मगर इसके बाद से 13 पारियों में वो केवल 1 अर्धशतक जमा सके हैं। इंग्लैंड के खिलाफ रहाणे का कड़ा इम्तेहान होगा। अगर वो रन नहीं बनाते तो उनकी जगह को खतरा हो सकता है।
उमेश यादव - भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव को डब्ल्यूटीसी फाइनल में मौका नहीं मिला, लेकिन वह पिछले काफी समय से प्रमुख गेंदबाजों की सूची से बाहर हैं। शमी, बुमराह, सिराज के आ जाने से उमेश यादव को मौके मिलना बहुत कम हो गए हैं। यादव को जो मौके मिले, उसमें वह फायदा नहीं उठा पाए और विकेट का सूखा उनके गेंदबाजी स्पेल में लंबे समय तक देखने को मिला। यादव ने भारत के लिए आखिरी टेस्ट 2020 दिसंबर में मेलबर्न में खेला था, जिसमें उन्हें पूरे मैच में केवल एक मिला था।
33 साल के गेंदबाज की उम्र भी उनके लिए खतरा बनी हुई है। यादव ने आखिरी बार बांग्लादेश के खिलाफ नवंबर 2019 में कोलकाता पर एक पारी में पांच विकेट लिए थे। इसके बाद उन्हें छह पारियों में गेंदबाजी का मौका मिला और वह कुल 6 विकेट ले सके। इंग्लैंड दौरे पर अगर उमेश ने खुद को साबित नहीं किया तो टीम इंडिया से इनकी भी छुट्टी हो सकती है।
(नोट - भारतीय कप्तान विराट कोहली के टीम में बदलाव के संकेत देने के बाद यह सिर्फ अनुमान लगाया गया है।)
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