नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान का मानना है कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में खेले गए पहले टेस्ट को अगर सूचक मानें तो दुनिया भर के तेज गेंदबाजों को फिलहाल रिवर्स स्विंग तो भूल ही जानी चाहिए। भारत के एक और पूर्व गेंदबाज आशीष नेहरा का कहना है कि जिमी एंडरसन जिस तरह से शॉर्ट आफ लेंथ गेंदबाजी कर रहे थे, उससे लगता है कि लार के अभाव में सामान्य स्विंग भी नहीं मिल पा रही। कोरोना वायरस महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नए तौर-तरीकों के साथ बहाल हुआ, जिसमें गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक है।
नेहरा ने पीटीआई से कहा, 'एंडरसन कई बार शॉर्ट आफ लैंथ गेंद डाल रहे थे जबकि वह ऐसा कभी नहीं करते। ड्यूक गेंद स्विंग ही नहीं ले रही थी क्योंकि लार के बिना चमक नहीं थी। वह अपनी क्षमता का आधा भी प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे।' मार्क वुड और जोफ्रा आर्चर को पांचवें दिन गेंदबाजी करते देखने वाले पठान का मानना है कि कुछ समय के लिए गेंदबाजों को पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग के बारे में भूल जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'आप फिर सीम हिट करो, हरकत होती रहेगी या फिर मैच एकतरफा हो जायेंगे।' ऑस्ट्रेलिया में कूकाबूरा गेंद कैसे खेलेगी , इस बारे में पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा कि सभी टीमों के गेंदबाजों को दिक्कतें आयेंगी। उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलियाई पिचें सपाट हैं और कूकाबूरा सीम 20 ओवर बाद खत्म हो जायेगी। ऐसे में लार के बिना रिवर्स स्विंग भी नहीं मिलेगी। भारतीय गेंदबाजों को दोहरे दबाव से निपटने में काफी परेशानी आयेगी।'
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