नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच मैदान पर होने वाली प्रतिद्वंद्विता का सबसे चमकता अध्याय 7 फरवरी 1999 को अनिल कुंबले ने दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में रचा था। 10 साल लंबे अंतराल पर भारत दौरे पर आई पाकिस्तानी टीम के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट की चौथी पारी में पूरे दस विकेट लेकर इतिहास रच दिया था। वो इंग्लैंड के स्पिनर जिम लेकर के बाद टेस्ट मैच की एक पारी में पूरे दस विकेट झटकने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे।
कुंबले की इस शानदार गेंदबाजी की बदौलत कोटला में खेले गए मैच में न केवल भारतीय टीम ने 212 रन से जीत हासिल की थी बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ 20 साल और 23 टेस्ट मैच से चले आ रहे जीत के सूखे को भी खत्म किया था। यह साल 1979-80 के बाद भारत की पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पहली जीत थी।
जीत के लिए पाकिस्तान को मिला था 420 रन का लक्ष्य
मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सकलैन मुश्ताक की घातक गेंदबाजी का सामना करते हुए 252 रन का स्कोर खड़ा किया। लेकिन इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तानी टीम अनिल कुंबले और हरभजन सिंह की फिरकी का सामना नहीं कर सकी और महज 172 रन बनाकर ढेर हो गई। कुंबले ने 4 और भज्जी ने 3 विकेट हासिल किए। पहली पारी में 80 रन की बढ़त हासिल करने के बाद दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने सदागोपन रमेश की 96 रन की पारी की बदौलत 339 रन बनाए और जीत के लिए पाकिस्तान के सामने चौथी पारी में 420 रन की विशाल स्कोर रख दिया।
101 के स्कोर पर पाकिस्तान ने गंवाया था पहला विकेट
इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम को सईद अनवर और शाहिद अफरीदी की सलामी जोड़ी ने शानदार शुरुआत दिलाई और पहले विकेट के लिए 101 रन जोड़ दिए। ऐसे में अनिल कुंबले ने 25 वें ओवर में अफरीदी को आउट करके इस साझेदारी को तोड़ दिया। इसके बाद कुंबले ने देखते ही देखते पाकिस्तान के छह खिलाड़ियों को 128 रन के स्कोर तक पवेलियन वापस भेज दिया।
सईद अनवर के 69 रन की पारी खेलकर आउट होने के बाद अनुभवी सलीम मलिक ने पारी को कप्तान वसीम अकरम के साथ मिलकर कुछ देर संभाला लेकिन वो भी 15 रन बनाकर कुंबले की गेंद पर बोल्ड हो गए। वो कुंबले का पारी में सातवां शिकार थे। मलिक के आउट होने के बाद कुबले ने मुश्ताक अहमद को राहुल द्रविड़ के हाथों लपकवाकर आठवां विकेट झटक लिया।
कप्तान अजहर ने श्रीनाथ को विकेट नहीं लेने के लिए कहा
ऐसे में कुंबले को पारी में 10 विकेट के करीब पहुंचता देख कप्तान अजहरुद्दीन ने दूसरी छोर से गेंदबाजी कर रहे जवागल श्रीनाथ को स्टंप से दूर गेंदबाजी करने का निर्देश दिया। श्रीनाथ ने भी कुंबले के साथ दोस्ती निभाते हुए कप्तान के आदेश का पालन किया। ऐसे में कुंबले ने सकलैन मुश्ताक को एलबीडब्लू करके नौवा विकेट झटक लिया।
कुंबले के लिए श्रीनाथ ने टेस्ट क्रिकेट में फेंकी व्हाइड गेंदें
जब वकार यूनिस बल्लेबाजी के लिए आए तो दूसरे छोर पर कप्तान वसीम अकरम मौजूद थे। ऐसे में दोनों के बीच कुंबले को पूरे दस विकेट नहीं लेने देने की योजना बनने लगी। ऐसे में गेंदबाजी करने आए जवागल श्रीनाथ ने स्टंप से बहुत दूर व्हाइड लेंथ पर गेंदबाजी की और इस दौरान अंपायर को उनकी कुछ गेंदों का व्हाइड करार देना पड़ा। उस ओवर में श्रीनाथ ने 9 रन दिए। लेकिन विकेट नहीं लिया जैसा की पूरी टीम और देश चाहता था।
वसीम अकरम बने कुंबले का 10वां शिकार
ऐसे में अगले ओवर में गेंदबाजी करने आए कुंबले ने अपने 27वें ओवर की तीसरी गेंद पर वसीम अकरम को शॉर्ट लेग पर खड़े वीवीएस लक्ष्मण के हाथों लपकवाकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 27.3 ओवर में 74 रन देकर 10 विकेट हासिल किए। अगर जवागल श्रीनाथ ने कप्तान की बात को अनसुना कर दिया होता तो अपना विकेट श्रीनाथ की गेंद पर बलिदान करने को तैयार बैठे पाकिस्तानी खिलाड़ी कुंबले को परफेक्ट 10 पूरा करने नहीं देते। इसलिए अपने इस रिकॉर्ड के लिए कुंबले को ताउम्र उनका अहसानमंद रहना होगा।
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