कराची: पाकिस्तान के महान बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने शुक्रवार को अपने पूर्व साथी इमरान खान से माफी मांगी जिनकी कुछ दिन पहले उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर काम करने के तरीके की आलोचना की थी। अचानक से मियांदाद के रुख में बदलाव तब आया जब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने उनके भतीजे फैजल इकबाल को घरेलू टीमों के लिये एक मुख्य कोच नियुक्त किया।
विवादास्पद टिप्पणियां करने के लिये मशहूर मियांदाद ने एआरवाई न्यूज से बात करते हुए इमरान से माफी मांगी। मियांदाद ने कहा, 'अगर मैंने किसी को आहत किया है तो मैं अपने शब्दों के लिये माफी मांगता हूं, विशेषकर प्रधानमंत्री से क्योंकि मैं इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में पाकिस्तान के प्रदर्शन से नाराज था। मैं प्रधानमंत्री और पाकिस्तान क्रिकेट के दुनिया भर में प्रशंसकों का पूरा सम्मान करता हूं।'
राजनीति में भी इमरान को देंगे चुनौती
मियांदाद ने इमरान खान पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि वह उन्हें खेल के मैदान ही नहीं, बल्कि राजनीति में भी चुनौती देंगे। वो उनमें से एक हैं, जिन्होंने इमरान को देश का प्रधानमंत्री बनाया है। अपने यूट्यूब चैनल पर जावेद मियांदाद ने कहा कि वो इमरान खान के कप्तान थे। उन्होंने कहा कि वो राजनीति में शामिल होंगे और लोगों को बताएंगे कि वास्तविक राजनीति क्या होती है। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के बाद वो सच को सच कहेंगे।
डिपार्टमेंट क्रिकेट नहीं की जानी थी बंद
जावेद मियांदाद ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पीएम इमरान खान को देश में क्रिकेट को बेहाल करने का आरोप लगाया था। उनके मुताबिक इमरान खान के इशारे पर पीसीबी ने पाकिस्तान क्रिकेट को बेहाल कर दिया है। इमरान ने सब कुछ जानते हुए भी डिपार्टमेंट क्रिकेट बंद करवा दिया जिसकी वजह से खिलाड़ी बेरोजगार हो गए हैं, अब इसका जवाब कौन देगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान में अधिकतर खिलाड़ी डिपार्टमेंट क्रिकेट के जरिए किसी कंपनी से जुड़कर पैसे कमाते थे जो अब नहीं हो पा रहा है।
इंग्लैंड के खिलाफ हार से थे निराश
इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान के पहला टेस्ट मैच हारने पर मियांदाद निराश दिखे थे। पाकिस्तान ने इस मैच में जीत के करीब पहुंचकर 3 विकेट से गंवा दिया था। उन्होंने पाकिस्तान की हार के लिए पीसीबी में चल रही गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा था चाहे क्रिकेट हो या हॉकी, खेल को चलाने के लिए बाहर से लोगों को लाने की आवश्यकता नहीं है। हमारे पास पाकिस्तान में पर्याप्त लोग हैं और उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए। इसलिए अब अगर कोई पाकिस्तानी को अनदेखा करता है और किसी बाहरी व्यक्ति को वरीयता देता है तो ऐसे एक कदम को राष्ट्र-विरोधी माना जाएगा।
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