नई दिल्ली: अगर सीनियर टीम में सेलेक्शन का मापदंड भारत का प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में किया गया प्रदर्शन है, तो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने 2019-20 सीजन में 67 विकेट लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। सीजन में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। रणजी ट्रॉफी में कमाल का प्रदर्शन करने के बावजूद जयदेव को यूके दौरे के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया।
जयदेव उनादकट की उम्र 29 साल है, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) चयनकर्ता के मुताबिक सीनियर स्क्वाड में चुने जाने के लिए तेज गेंदबाज उम्रदराज हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज कर्सन घावरी ने खुलासा किया कि उन्होंने बीसीसीआई चयनकर्ता से पूछा था कि उनादकट के नाम पर विचार क्यों नहीं हुआ। बता दें कि पिछले रणजी ट्रॉफी सीजन में उनादकट चमके थे और घावरी उसी सौराष्ट्र टीम के कोच थे।
कर्सन घावरी ने कहा, 'मैंने रणजी ट्रॉफी (2019-20) के फाइनल में चयनकर्ता से पूछा था कि अगर कोई गेंदबाज 60 से ज्यादा विकेट चटकाए हो और अपने अकेले के दम पर टीम को फाइनल में पहुंचाए, तो क्या उसे भारत ए के लिए नहीं चुना जाना चाहिए। उस चयनकर्ता ने मुझे कहा, 'कडू भाई। उसको भारत के लिए कभी नहीं चुना जाएगा। उसके नाम पर हम चर्चा भी नहीं करते, जब हम 30 खिलाड़ियों की बात करते हैं।' क्यों नहीं, मैंने उससे पूछा। उसके इतने विकेट लेने का मतलब ही क्या? मुझे कहा गया कि वो 32-33 का हो चुका है। उम्र उसका मामला बिगाड़ रही है। इसने उसके भारतीय करियर पर पूर्ण विराम लगा दिया है।'
चयनकर्ता ने आगे कहा कि बीसीसीआई उस युवा में निवेश करेंगे, जिनका करियर 8-10 साल का हो। घावरी ने आगे कहा, 'हम क्यों उम्रदराज खिलाड़ी पर निवेश करेंगे? हम उसके बजाय युवा खिलाड़ी पर ध्यान देंगे। अगर वो अच्छा हुआ तो भारत के लिए अगले 10-12 साल तक खेल सकता है। अगर हम आज उनादकट को चुनेंगे तो वो कितने साल भारतीय टीम को अपनी सेवाएं देगा? यह बात मुझे चयनकर्ता ने कही।'
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