आतंकवाद रोधी दस्ते के अधिकारी तांबे बनना चाहते थे क्रिकेटर, बेटे ने पूरा किया सपना और इतिहास भी रचा

क्रिकेट
भाषा
Updated Feb 08, 2022 | 06:27 IST

ATS Officer's son becomes Cricketer and now a world cup champion: माता-पिता के सपने कई बार उनके बच्चों के जरिए पूरे जाते हैं। भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के क्रिकेटर कौशल तांबे और उनके पिता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।

Kaushal Tambe in Under-19 World Cup 2022
कौशल तांबे (बीसीसीआई) 
मुख्य बातें
  • भारत ने पांचवीं बार जीता अंडर-19 विश्व कप 2022 का खिताब
  • भारतीय अंडर-19 टीम के खिलाड़ियों के जीवन की दिलचस्प कहानियां आईं सामने
  • मुंबई के युवा क्रिकेटर कौशल तांबे ने पूरा किया बेटे का सपना

मुंबई में मानसून के मौसम में आयोजित होने वाले बेहद प्रतिस्पर्धी कांगा लीग में सैकड़ों क्रिकेटरों की तरह सुनील तांबे ने भी पेशेवर क्रिकेट में बड़ा नाम कमाने का सपना देखा था। सपनों के शहर के नाम से मशहूर मुंबई में हर किसी को उसका मुकाम नहीं मिलता और महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के सहायक आयुक्त तांबे को पता था कि यह एक कठिन रास्ता है जिसमें सफलता की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने फिर शैक्षणिक क्षेत्र पर ध्यान शुरू किया। शनिवार की शाम को हालांकि उन्होंने अपने सपने को बेटे कौशल तांबे (Kaushal Tambe) के जरीये पूरा किया। कौशल ने इंग्लैंड के खिलाफ अंडर-19 विश्व कप के फाइनल (Under-19 World Cup 2022 Final) में एक विकेट लेकर भारत की जीत में योगदान दिया।

एटीएस अधिकारी तांबे ने पीटीआई-भाषा से फोन पर कहा, ‘‘ मैंने मूल रूप से मुंबई के लिए विश्वविद्यालय स्तर और कांगा लीग स्तर की क्रिकेट खेली है, लेकिन मैं क्रिकेट में अपना करियर नहीं बना सका। मेरी इच्छा थी कि मेरा बेटा क्रिकेट में कुछ करे और उसने कर दिखाया।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या कौशल को कभी उनके काम से चिंता हुई जिसमें उन्हें अपराधियों का सामना करना पड़ता है तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, कौशल को कभी मेरी सुरक्षा की चिंता नहीं हुई।’’

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यह तांबे का जुनून था कि वह अपने बेटे को क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया, ‘‘जब वह साढ़े तीन साल का था, तो हमने उसे स्केटिंग में भर्ती कराया ताकि खेलों में उसकी रूचि बढ़ सके।  उन्होंने चार साल तक अच्छा प्रदर्शन किया और कई राष्ट्रीय पदक जीते। जब वह नौ साल का था, तो हमने उन्हें क्रिकेट के प्रशिक्षण के लिए पीवाईसी में भर्ती कराया, जहां उसने पवन कुलकर्णी से बुनियादी चीजें सीखी।’’

उन्होंने बताया, ‘‘फिर हमने केडेंस  क्रिकेट अकादमी (सीसीए) में उसके चयन के लिए आवेदन किया और उसे एक गेंदबाज के रूप में शामिल किया गया। इस बारे में जब मैंने सुरेंद्र भावे (पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता और रणजी दिग्गज) और हर्षल पठान से पूछा कि उन्होंने उसे गेंदबाज के रूप में क्यों शामिल किया, तो उन्होंने कहा कि हम जानते हैं, वह अच्छी बल्लेबाजी करता है, लेकिन उसमें एक अच्छा स्पिनर बनने की क्षमता है। आज जो कुछ भी है वह केडेंस की वजह से है।’’

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कौशल के करियर के टर्निंग पॉइंट (रूख बदलने वाले) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ प्रसिद्ध एसपी कॉलेज में पढ़ने वाले कौशल को  2019 में अंडर-16 वर्ग में पश्चिम क्षेत्र का कप्तान नियुक्त किया गया।  इसके बाद उसे एनसीए शिविर के लिए चुना गया, जहाँ उसे बहुत सी चीजें सीखने को मिली और मुझे लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण मोड़ था।’’ उन्होंने बताया कि कौशल ने आयु वर्ग क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है।

तांबे ने कहा, ‘‘उसने 2017 में सौराष्ट्र के खिलाफ 169 रन बनाए और फिर गुजरात के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा। वह अपने आयु वर्ग में ऐसा करने वाले राज्य का पहला क्रिकेटर है।  उसके बाद अंडर -16 स्तर पर उसने  तिहरा शतक बनाया, जो महाराष्ट्र के किसी खिलाड़ी के लिए एक इतिहास है। उसने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।’’

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