नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम में अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए जरूरत से ज्यादा प्रतिस्पर्धा कई बार प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को ड्रेसिंग रूम में बैठने पर मजबूर कर देती है लेकिन शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय मैच में विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालने वाले लोकेश राहुल और ऋषभ पंत ने जिस तरह से एक दूसरे का साथ दिया वह शानदार रहा। राहुल ने 108 रन बनाये तो वहीं पंत ने 40 गेंद में 77 रन का योगदान दिया।
मध्यक्रम के बल्लेबाज श्रेयर अय्यर अगर चोटिल नहीं होते तो पंत को पुणे में खेले गये दूसरे एकदिवसीय के अंतिम 11 में शायद जगह भी नहीं मिलती। किस्मत के सहारे टीम में जगह बनाने वाले इस खिलाड़ी ने लगभग 13 ओवर तक राहुल के साथ बल्लेबाजी कर टीम को प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचाया।
दोनों की साझेदारी में बल्लेबाजी की अलग-अलग शैली देखने को मिली जिसमें राहुल ने पारंपरिक रूख अख्तयार किया तो वही पंत अपने चिर-परिचित आक्रामक अंदाज में दिखे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पंत की साहसिक पारियों से पहले राहुल एकदिवसीय टीम में विकेटकीपर के पहली पसंद बने थे लेकिन सिडनी और फिर ब्रिसबेन टेस्ट के पांचवें दिन पंत की बल्लेबाजी ने उन्हें टीम में एक बार फिर से जगह दिलायी।
राहुल ने शतकीय पारी खेलने के बाद अनोखे अंदाज में जश्न मनाया लेकिन अब टीम में बने रहने के लिए उन्हें लगातार अच्छा करना होगा। पहले बेपरवाह होकर खेलने वाले पंत अब जिम्मेदार और निडर हो गये है।
इस कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच जिस चीज ने सबसे ज्यादा आकर्षित किया वह था दोनों बल्लेबाजों का नैसर्गिक खेल। कई बार प्रतिस्पर्धा में बल्लेबाज अपने नैसर्गिक खेल से भटक जाता है लेकिन राहुल और पंत की साझेदारी में दानों वैसी ही बल्लेबाजी करते दिखे जिसके लिए वे जाने जाते है।
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